चेंबूर इलाके में स्थित मशहूर आरके फिल्म्स एंड स्टूडियोज में 16 सितंबर को आग लग गई थी। इस हादसे में स्टूडियो का सेट जलकर खाक हो गया। यह महज एक स्टूडियो नहीं था, बल्कि यहां बनी तमाम फिल्मों की यादें बसी हुई थीं। 'मेरा नाम जोकर' (1970) से लेकर ऋषि कपूर और डिंपल कपाडिया की पहली फिल्म 'बॉबी' (1973), 'सत्यम शिवम सुंदरम' (1978), 'प्रेम रोग' (1982), 'राम तेरी गंगा मैली' (1985) तक.. यहां कई शानदार फिल्में बनी। आइए बॉलीवुड की किताब के कुछ पन्ने पलटते हैं और इस स्टूडियो के मशहूर किस्से के बारे में जानते हैं...
इस स्टूडियो में खासतौर पर आरके बैनर तले बनने वाली फिल्मों की शूटिंग होती थी। आरके फिल्म्स ने बॉलीवुड को 'बरसात' (1949), 'अवारा' (1951), 'बूट पॉलिश' (1954), 'श्री 420' (1955) और 'जागते रहो' (1956) जैसी एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं।
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आरके स्टूडियो की स्टेज भारत में किसी भी स्टूडियो की स्टेज से सबसे बड़ी थी। यहां आरके बैनर और अन्य फिल्मों की शूटिंग होती थी। इस स्टूडियो में यश चोपड़ा, मनमोहन देसाई और सुभाष घई जैसे बड़े फिल्ममेकर्स अपनी फिल्में शूट कर चुक हैं।
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Source : Sonam Kanojia