बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी पुरानी यादों को ताजा करते रहते हैं। कुछ दिन पहले मेगास्टार ने साल 1973 की हिट फिल्म 'नमक हराम' के 44 सालों को याद करते हुए इंडस्ट्री में उपयोग किए गए पहले वीडियो कैमरा की फोटो साझा की है।
इस तस्वीर में उनके साथ उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना भी हैं। अमिताभ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अपनी फिल्मों और पुरानी यादों को शेयर करते रहते हैं।
निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'नमक हराम' में राजेश खन्ना,अमिताभ बच्चन, रेखा, सिमी ग्रेवाल, ए के हंगल, असरानी और ओम शिवपुरी ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
तो चलिए आज हम आपको 70 के दशक की कुछ ऐसी ही यादों से रूबरू करवाते हैं, जिस दौर में सदी के महानायक संघर्ष कर रहे थे, उस दशक में राजेश खन्ना का स्टारडम बुलंदी के शिखर था।
दरअसल, राजेश खन्ना की जिंदगी पर आधारित किताब 'राजेश खन्ना: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज फर्स्ट सुपरस्टार' के हिंदी अनुवाद 'कुछ तो लोग कहेंगे' में मशहूर पत्रकार व लेखक यासिर उस्मान ने तमाम पहलुओं का सिलसिलेवार ढ़ग से वर्णन गया है। हम आपको इसके कुछ ऐसे ही अंश से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जो शायद ही आपने पढ़ा या फिर सुना होगा।
खैर, 'नमक हराम' बॉलीवुड इंडस्ट्री की वो पहली फिल्म थी, जहां से राजेश खन्ना का स्टारडम अमिताभ बच्चन की तरफ सरकने लगा था। काका भी इस बात को भली भांति समझ चुके थे कि अब इंडस्ट्री में एक नये सुपर स्टार का उदय होने वाला है।
सालों बाद मूवी पत्रिका को दिए इंटरव्यू में राजेश खन्ना ने कहा, 'जब मैंने लिबर्टी सिनेमा में 'नमक हराम' का ट्रायल शो देखा, मैं तभी समझ गया कि मेरा दौर अब बीत चुका है। मैंने हृषि दा से कहा, 'ये रहा कल का सुपरस्टार।'
हालांकि, इसी दौर का एक और दिलचस्प किस्सा उन दिनों बॉलीवुड गलियारों में काफी छाया रहा। दरअसल, जब 'नमक हराम' की शुरुआत हुई थी, तो राजेश खन्ना सुपर स्टार थे और अमिताभ का कहीं नाम भी नहीं था।
राजेश खन्ना के पास जहां शूटिंग के लिए डेट्स नहीं थी, वहीं अमिताभ के पास समय ही समय था। इसीलिए अमिताभ के हिस्से की ज्यादातर शूटिंग पहले ही निपटा ली गई। जब 'नमक हराम' के दृश्यों को फिल्म वितरकों के ग्रुप को दिखाया गया, तो उस समय फिल्म में अमिताभ बहुत ज्यादा नजर आ रहे थे और राजेश खन्ना बहुत कम।
ऐसे में वितरकों को लगा कि फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन हैं और राजेश खन्ना गेस्ट अपीयरेंस कर रहे हैं। इसलिए वह उस दौर में फ्लॉप एक्टर का तमगा हाासिल करने वाले अमिताभ की फिल्म को खरीदने में आनाकानी कर रहे थे।
मगर हृषिकेश मुखर्जी जैसे सीनियर फिल्मकार, जिसका उस दौर में सिक्का चलता था। ऐसे में वितरक फिल्म को सीधे रिजेक्ट नहीं करना चाहते थे। लिहाजा कुछ सीन देखकर एक के बाद एक डिस्ट्रीब्यूटर्स फिल्म में खामियां निकालने लगे।
आखिर में कुछ डिस्ट्रीब्यूटर्स ने अमिताभ और उनके 'कानों को ढकने वाले हेयर स्टाइल' पर निशाना साधते हुए कहा, 'अपने हीरो को कहिए कम से कम ढंग से बाल तो कटवा ले, ताकि हमें पता चल सके कि उसके कान हैं भी या नहीं!' इस बात पर सारे डिस्ट्रीब्यूटर्स हंस पड़े।
लेकिन कहते हैं ना सफलता किसी की मोहताज नहीं होती है, समय का पहिया घूमने पर सब कुछ बदल देती है। कुछ महीने बाद प्रकाश मेहरा की 'जंजीर' की कामायबी के बाद अमिताभ का मजाक उड़ाने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स को उनकी तारीफ करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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उन्होंने फोन करके कहा कि फिल्म 'नमक हराम' में अमिताभ का रोल बढ़ाया जाए और मांग की, कि फिल्म के पोस्टर्स और पब्लिसिटी में अमिताभ बच्चन को भी राजेश खन्ना के बराबर जगह दी जाए। फिल्म के शुरुआती वक्त में बिग बी सह-अभिनेता थे, मगर शूटिंग खत्म होते-होते वह नमक हराम में राजेश खन्ना के बराबर खड़े हो चुके थे।
बहरहाल, अब वो दौरा दस्तक दे चुका था, जब अमिताभ एंग्री यंग मैन के रूप में लाखों युवाओं की पहली पसंद बन गए थे, जबकि इसी समय पांच फ्लॉप फिल्मों की चोट से राजेश खन्ना का स्टारडम डगमगाने लगा था।
इसके साथ ही अमिताभ का 'कानों को ढकने वाला हेयर स्टाइल' अब फैशन बन चुका था। राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की नई पोजीशन पर सबसे सटीक टिप्पणी शायद बंबई के नाइयों ने की थी। फिल्म की रिलीज के बाद बंबई के कई हेयर-कटिंग सैलून्स के बाहर नया बोर्ड लग चुका था। राजेश खन्ना हेयर कट 2 रुपये और अमिताभ बच्चन हेयर कट 3.50 रुपये।
इसके बाद बिग बी ने फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक हिट फिल्में देकर इंडस्ट्री को अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
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HIGHLIGHTS
- अमिताभ और उनके 'कानों को ढकने वाले हेयर स्टाइल' पर निशाना साधते हुए डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कहा, 'अपने हीरो को कहिए कम से कम ढंग से बाल तो कटवा ले, ताकि हमें पता चल सके कि उसके कान हैं भी या नहीं!'
- कुछ महीने बाद प्रकाश मेहरा की 'जंजीर' की कामायबी के बाद अमिताभ का मजाक उड़ाने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स को उनकी तारीफ करने के लिए मजबूर होना पड़ा
Source : Sunita Mishra