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20 लाख करोड़ में से कोई 1000-1500 यहां भिजवा देता, बॉलीवुड के इस डायरेक्टर ने मोदी सरकार पर फिर कसा तंज

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने रिएक्शन देते हुए ट्वीट किया है

Updated on: 14 May 2020, 06:20 PM

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का मन बना रही हैं. लेकिन ऐसे समय में सरकार प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए कई श्रमिक एक्सप्रेस चला रही है जिससे कि देश की नींव रखने वाले मजदूर आसानी से अपने घर तक पहुंच सकें. देश में पहले लॉकडाउन के बाद से ही कई प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े थे.

सोशल मीडिया पर मजदूरों को ऐसे समय में हो रही परेशानी के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, ऐसा ही एक वीडियो बिहार के कटिहार स्टेशन का सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस वीडियो में कुछ लोग स्टेशन पर बिस्किटों के लिए छीनाझपटी करते नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने रिएक्शन देते हुए ट्वीट किया है.

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अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने लोगों का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'उस बीस लाख करोड़ में से कोई हज़ार पंद्रह सौ यहां भिजवा दे... मुझे ऐसा लगता है कि मेरे साथ-साथ पर्याप्त भारतीय ऐसे हैं जो सहयोग करने में बहुत खुश होंगे परंतु हमें इनकार से बाहर आना पड़ेगा और यह मानना पड़ेगा और उनकी मदद करनी होगी.'

अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने अपने इस ट्वीट से सरकार पर तंज भी कसा है. सोशल मीडिया यूजर्स भी अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) के इस ट्वीट पर अपना रिएक्शन दे रहे हैं. वहीं इससे पहले अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने एक और ट्वीट के जरिए सरकार पर निशाना साधा था.

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अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने अपने ट्वीट में लिखा, 'उम्मीद करता हूं कि भारत की सरकार पिछले 45 दिनों से टीवी देख रही होगी. वे अब भी घर पहुंचने के लिए मीलों दूर चल रहे हैं. गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बिना पानी, भोजन और पैसे के. कृप्या टीवी पर सज-संवरकर आने से पहले एक बार उनके बारे में भी सोचें. आप पूरी तरह से विफल हो चुके हैं.' बता दें कि देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर लौटने के लिए मजबूर हैं. कई मजदूर तो पैदल ही अपने घरों की ओर जाने के लिए पड़े हैं और कई ने सड़क और रेल हादसों में अपनी जान गवां दी है.