B'day: धर्मेन्द्र ने महज 51 रुपये में साइन की थी पहली फिल्म, जानें खास बातें
अभिनेता दिलीप कुमार ने यहां तक कह दिया था कि वह अगले जन्म में धर्मेन्द्र जैसी शख्सियत बनना चाहते हैं।
नई दिल्ली:
धर्मेन्द्र का नाम लेते ही बॉलीवुड पर राज करने वाले एक खूबसूरत, रोमांटिक नायक की तस्वीर ज़हन में उभर आती है। एक वक्त था, जब टाइम्स पत्रिका ने उन्हें दुनिया के 10 सबसे खूबसूरत अभिनेताओं में शुमार किया। अभिनेता दिलीप कुमार ने यहां तक कह दिया था कि वह अगले जन्म में धर्मेन्द्र जैसी शख्सियत बनना चाहते हैं। उन्हें 'ही मैन' भी कहा गया। इतना ही नहीं, जया बच्चन उन्हें 'ग्रीक देवता' मानती हैं।
धर्मेन्द्र का असली नाम धरम सिंह देओल है। उनका जन्म पंजाब के कपूरथला जिले में आठ दिसंबर, 1935 को हुआ था। वैसे असल में वह साहनेवाल गांव के रहने वाले हैं। वह पहलवानी के जबरदस्त शौकीन थे। धर्मेन्द्र की पत्नी ड्रीम गर्ल हेमामालिनी हैं। अभिनेता सनी और बॉबी देओल के पिता हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बीकानेर के सांसद रहे। लेकिन, शोले में गब्बर सिंह जैसे दुर्दात डकैत को काबू करने वाले धर्मेन्द्र राजनीति के वीरू नहीं बन पाए। उन्हें राजनीति रास नहीं आई।
धर्मेन्द्र मशहूर अदाकारा सुरैया के इस कदर दीवाने थे कि उनकी फिल्म 'दिल्लगी' (1949) को उन्होंने 40 बार देखा। वह मीलो पैदल चलकर सिनेमाघर जाते थे। उन्होंने सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़ाई की थी। फिल्मों में आने से पहले धर्मेन्द्र रेलवे में क्लर्क थे। सवा सौ रुपये महीना उनकी तनख्वाह थी। 19 साल की उम्र में ही उनकी शादी प्रकाश कौर से हो गई। नई प्रतिभाओं की तलाश के लिए फिल्मफेयर की तरफ से आयोजित टैलेंट हंट प्रतियोगिता में धर्मेन्द्र विजेता बन कर बाजी मार ले गए।
टैलेंट हंट जीतने के बाद भी धर्मेन्द्र के लिए फिल्मों की राह आसान नहीं हुई। उन्होंने कड़ा संघर्ष किया। कई बार वह चने खाकर बेंच पर सो जाते और कभी-कभी तो वो भी नसीब नहीं होता था। वह अपने एक दोस्त के साथ जुहू में रहा करते थे।
निर्माता-निर्देशक धर्मेन्द्र को पहलवानी में हाथ आजमाने की सलाह देकर अपने दफ्तर से उन्हें चलता कर देते थे। इसी दौरान धर्मेन्द्र अर्जुन हिंगोरानी को भा गए। उन्हें महज 51 रुपये देकर फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' (1960) में नायिका कुमकुम के साथ हीरो की भूमिका के लिए साइन कर लिया गया। हालांकि, यह फिल्म कुछ खास नहीं चली।
धर्मेन्द्र को फिल्म 'फूल और पत्थर' से पहचान मिली। यह उनके करियर की पहली हिट फिल्म थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी नजदीकियां मीना कुमारी के साथ बढ़ी और वह शायरी करने के शौकीन हो गए। हालांकि, मीना कुमारी के साथ उनका रिश्ता लंबा नहीं चला। धर्मेन्द्र ने 'ड्रीम गर्ल', 'शोले', और 'रजिया सुल्ताना' आदि फिल्मों में बेहद खूबसूरत अदाकारा हेमा मालिनी के साथ काम किया और इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। हेमा के साथ रोमांस के लिए धर्मेन्द्र कई बार कैमरामैन को रिश्वत भी दिया करते थे। आखिरकार 1981 में अभिनेता ने इस्लाम धर्म अपनाकर दिलावर खान के नाम से हेमा संग शादी रचा ली। एशा देओल और आहना देओल दोनों की बेटियां हैं।
अपने करियर में धर्मेन्द्र ने 'सत्यकाम', 'बंदिनी', 'शोले', 'धर्मवीर', 'अनुपमा', 'जुगनू', और 'चुपके-चुपके' जैसी एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में कीं। धर्मेन्द्र ने पंजाबी फिल्मों 'पुत्त जट्टां दे', 'तेरी मेरी इक जिन्दर' आदि में भी काम किया है। 1991 में बतौर निर्माता धर्मेन्द्र की फिल्म 'घायल' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। अभिनेता को 1997 में फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2012 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया। 2011 में फिल्म 'यमला पगला दीवाना' में धर्मेन्द्र अपने दोनें बेटों के साथ नजर आएं। उन्होंने तीन दशकों तक फिल्म उद्योग पर राज किया है। धर्मेद्र का जलवा आज भी बरकरार है।
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