Shakeel Badayuni Birthday Special: वो शक्स जिसके पहले 'अफसाने' ने दुनिया में अमर कर दिया

मुंबई में शकील की मुलाकात प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद के साथ हुई। इन दोनों की जोड़ी इतनी सफल रही कि इन्हें एक दूसरे का पूरक माना जाने लगा।

मुंबई में शकील की मुलाकात प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद के साथ हुई। इन दोनों की जोड़ी इतनी सफल रही कि इन्हें एक दूसरे का पूरक माना जाने लगा।

author-image
Aditi Singh
एडिट
New Update
Shakeel Badayuni Birthday Special: वो शक्स जिसके पहले 'अफसाने' ने दुनिया में अमर कर दिया

उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में से एक बदायूं शहर का जिक्र शक़ील बदायूंनी के बग़ैर पूरा नहीं हो सकता। 102 साल पहले 3 अगस्त 1916 को बदायूं के बेदो टोला में ग़फ़्फ़ार ख़ान जन्म हुआ था। जिसे आगे चलकर दुनिया ने शक़ील बदायूंनी का नाम दिया।

Advertisment

बदायूं के हाफ़िज़ सिद्दीकी इस्लामियां इंटर कॉलेज में पढ़ाई बाद में आगे की पढ़ाई के लिए शकील अलीगढ़ चले गए। 1943 में उन्होने दिल्ली में सप्लाई विभाग में क्लर्क की नौकरी शुरु कर दी। जहां वह मुशायरों में भी शिरकत करने लगे और यहीं से उन्होने मुंबई का रुख़ किया, तो फ़िर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मुंबई में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद के साथ हुई। इन दोनों की जोड़ी इतनी सफल रही कि इन्हें एक दूसरे का पूरक माना जाने लगा।

इस जोड़ी ने 'अफसाना लिख रही हूं', 'कुछ है तू मेरा चांद मैं तेरी चांदनी', सुहानी रात ढल चुकी, 'वो दुनिया के रखवाले', 'जब प्यार किया तो डरना क्या','नैन लड़ जइहें तो मन वा में कसक होइबे करी', 'दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढूंढ रहा है', 'तेरे हुस्न की क्या तारीफ करू', 'दिलरूबा मैने तेरे प्यार में क्या क्या न किया' जैसे लोकप्रिय गीत दिये जो आज भी युवाओं की जुबां पर गुनगुनाते है।

मुग़ले आज़म के इस गीत को सुनेंगे तो इसके गीतकार शकील बदायूंनी की शख़्सियत अपने आप समझ में आ जाएगी। इस गीत की चंद पंक्तियों के लिए ही फ़िल्म के निर्देशक के. आसिफ़ ने शीशमहल का नायाब सेट तैयार करवाया। जो आज भी एक मिसाल बना हुआ है।

गीत तैयार करने के लिए संगीतकार नौशाद और शकील बदायूंनी ने लगातार 24 घंटे मशक्कत की। रात भर की कश्मोकश के बाद आख़िर शकील बदायुनी ने फ़िल्म जगत को एक नायाब सौगात इस गीत के रूप में पेश की।

आज के भी गीतकार मानते हैं कि वो समर्पण और मेहनत ही थी। जिसने ऐसे गीतों को अमर कर दिया। जो गीत आज भी हर किसी के जेहन में तैरते हैं और इन गीतों से आज भी शकील बदायूंनी का अक्स झांकता नजर आता है।

दिल्ली से शकील मुंबई गए तो वहीं के होकर रह गए। लेकिन बदायूं से उनके तार जुड़े रहे आखिरी बार जब 1961 मे वो बदायूं पहुंचे तो ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन किया गया था। लेकिन उसी बदायूं में आज शकील का ये घर बियाबान अकेला खड़ा है और बदलते दौर में अब शकील सिर्फ बदायूं के तसव्वुर में ही बाकी हैं।

इसे भी पढ़ें: भोजपुरी स्टार पवन सिंह के म्यूजिक वीडियो में पार्वती बनी आम्रपाली दुबे

Source : News Nation Bureau

Bollywood News Birth Anniversary Shakeel Badayuni cinema news
      
Advertisment