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लता मंगेशकर ने क्यों किया मजबूर उदित नारायण को

लेजेंड गायिका लता मंगेशकर को हैप्पी वाला बर्थडे

Updated on: 28 Sep 2021, 02:13 PM

मुंबई:

भारत में अगर संगीत का नाम आता है.. तो सबसे पहले लेजेंड गायिका लता मंगेशकर को याद किया जाता है.. उन्होंने सुर में मानो अपना कब्जा कर लिया हो ..उनकी आवाज अगर एक बार सुनलो तो लगता है इसी मे खो जाओ फिर कुछ और सुनने का दिल नहीं करता है . संगीत के क्या माइने उन्हें सुनकर पता चलता है..वो सुर की कोकिला के नाम से भी जानी जाती है , आज लेजेंड गायिका अपना 92वां जन्मदिन मना रही हैं..वो भारत रत्न से भी सम्मानित की जा चुकी है .लता का संगीत की दुनिया में सबसे पहला स्ठान है. जिससे हर कोई वाकिब है..उनके जैसा बनना तो हर गायक का सपना है..उनका जो स्थान हैं वहां तक पहुंचना आसान नहीं हैं. 50 हजार से भी अधिक गानों में लता जी ने अपनी आवाज दी है.जो अपने आप में ही एक रिकॉर्ड  है.. साथ ही इसे बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में लिखा गया है... लता मंगेशकर दिखने में काफी शांत हैं.. लेकिन अपनी रियल लाइफ में वो इससे बहुत अलग हैं...आज वो इस मुकाम पर है जिसे हासिल करना हर किसी के बस कि बात नहीं...

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उनके संगीत की बराबरी करना हर किसी के बस की बात नहीं ..उनके गायन के आगे सभी सिंगर दूर-दूर तक नजर नहीं आते..वो एक ऐसी शख्सियत है जिसके सामने बात करने से कोई भी घबराएं ..उनका ओरा ही  इतना ऊंचा है..अगर बात संगीत की करें तो उनके आगे बड़े-बड़े सिंगर की हालत खराब हो जाती हैं.. लेकिन उनमें अपने मुकाम को लेकर बिल्कुल घमंड नहीं है..लता जी रियल लाइफ में बेहद मजाकिया है.. यह सुनकर हर कोई हैरान हो जाता है. लता जी असल जिंदगी में काफी अलग है. .वो लोगों के साथ जब बैठती है तो वो जॉक्स भी सुनाती हैं.. हालही में म्यूजिकल स्पेशल कपिल शर्मा के शो में चल रहा था..जिसमें सिंगर उदित नारायण बतौर गेस्ट शामिल हुए थे.. शो के दौरान उन्होंने लता  जी को लेकर एक किस्सा साझा किया .जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए ..यह जो बात थी वो फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे'के सेट की थी..इस फिल्म में उदित नारायण ने लता मंगेशकर के साथ डुऐक गाने गाएं थे..उन्होंने साझा किया कि डीडीएलजे का गाना 'ना जाने मेरे दिल को.. जब वो' गा रहे थे उसी टाइम लता जी स्टूडियो पहुंच गईं थी.. जहां स्टूडियो का दरवाजा शीशे का था.. जैसे उन्होंने वहां लता जी को देखा उनके होश उड़ गए.इसके साथ उदित जी ने उनसे  कहा कि  आप यहां अगर रहेंगी तो मैं गाना नहीं गा पाउंगा"... उनकी बात सुनकर लता जी कहती है ..मैं  यहां तुम्हारें गाने को ही सुनने आईं हूं..इसके साथ वो आगे कहती है कि मैं यहां बैठूंगी भी और तुम्हारे गाने को भी सुनूंगी...उनकी इस बात पर उदित ने कहा कि "ये पॉसिबल नहीं हैं..."तभी वहां यश चोपड़ा पहुंच गए और सभी खाना-खाने लगे ... इनसब के बाद भी स्टूडियो में बैठकर लता जी ने उदित नारायण के गाने को भी सुना.