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टीना दत्ता (फाइल फोटो)
फिल्म निर्माता और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) के मुख्य सलाहकार आशोक पंडित ने 'मीटू' आंदोलन को महत्वहीन बताने के लिए अभिनेत्री टीना दत्ता की आलोचना की है.
टीना ने हाल ही में टीवी धारावाहिक 'डायन' में अपने सह-कलाकार मोहित मल्होत्रा पर शो के सेट पर गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया था और इसको लेकर 'मीटू' आंदोलन शुरू किया था. बाद में हालांकि इससे मुकर गई थीं.
इस हफ्ते की शुरुआत में टीना ने कहा था कि उन्होंने अपने सह-कलाकार के साथ मतभेदों को दूर कर लिया है.
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पंडित ने सवालिया लहजे में कहा, 'मतभेद सुलझा लेने का क्या मतलब है? यह यौन दुराचार के गंभीर आरोप थे. वह अपनी इच्छानुसार इन्हें कैसे लगा और हटा सकती हैं? क्या यह एक मजाक है?'
पंडित को लगता है कि इस तरह की घटना मीटू आंदोलन के महत्व को कम करती है.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कुछ लोग इस आंदोलन को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं. निजी समस्याएं सुलझाने के लिए इस मंच का उपयोग करने वाले को दंडित किया जाना चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'आप सालों से एक सह-कलाकार के साथ काम कर रहे हैं और अचानक आपको उससे ऐसी दिक्कत होने लगती है. उसका व्यवहार अचानक आपको परेशान करने लगता है. और हम फिल्म फेडरेशन और मनोरंजन उद्योग के पुरुष सदस्यों के रूप में गहराई से चिंतित होते हैं.'
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अशोक पंडित के अनुसार, 'लेकिन इसके कुछ दिन बाद आप अपने आरोप वापस ले लेती हैं. आपने उन महिलाओं को न्याय दिलाने के हमारे प्रयासों को विफल करते हैं जिनके साथ वास्तव में अन्याय हुआ है. मैडम, यह कोई मजाक नहीं है. न ही यह एक ऐसा मंच है जहां आप अपनी इच्छा से आ सकते हैं और जा सकते हैं.'
पंडित को लगता है कि कुछ महिलाएं आरोप लगाने के बाद पीछे हो जाती हैं. ये लोग 'मीटू' आंदोलन को राह से भटका रही हैं.
Source : IANS