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52 के हुए आशीष विद्यार्थी, एक्टिंग के साथ-साथ करते हैं ये काम

आशीष विद्यार्थी ने न सिर्फ अपनी फिल्मों के द्वारा बल्कि समाज में प्रति अपने अच्छे कार्यों के लिए ख्याति पाई. इस अभिनेता ने अपने करियर में लगभग सभी भाषाओं में 234 फिल्मों में काम किया. एक अच्छे अभिनेता के साथ आशीष विद्यार्थी मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं.

Updated on: 19 Jun 2021, 09:03 AM

highlights

  • एक्टर के साथ-साथ मोटिवेशनल स्पीकर हैं आशीष विद्यार्थी
  • आशीष ने थियेटर से एक्टिंग करियर की शुरुआत की 
  • कई भाषाओं में फिल्म कर चुके हैं आशीष विद्यार्थी

नई दिल्ली:

आशीष विद्यार्थी (Ashish Vidyarthi) का जन्म 19 जून 1962 में हुआ था. उन्होंने हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली भाषा में भी कई फिल्मों में काम किया. अधिकतर फिल्मों में इस अभिनेता ने विलन की भूमिका निभाई. एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ आशीष विद्यार्थी मोटिवेशनल स्पीकर (motivational speaker) भी हैं. उन्होंने न सिर्फ अपनी फिल्मों के द्वारा बल्कि समाज में प्रति अपने अच्छे  कार्यों के लिए ख्याति पाई. इस अभिनेता ने अपने करियर में लगभग सभी भाषाओं में 234 फिल्मों में काम किया. इसके अलावा वो अभी भी लगातार फिल्मों में सक्रिय हैं और उसी के साथ वह टेलीविजन में भी काम कर रहें हैं. 

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आशीष विद्यार्थी का जन्म कुन्नूर केरला में हुआ था. उनके पिता गोविन्द विद्यार्थी एक मलयाली आर्टिस्ट हैं और उनकी माता राबी एक मशहूर कत्थक डांसर थीं. आशीष विद्यार्थी ने अपनी शुरूआती पढ़ाई कुन्नूर केरला से की थी. लेकिन 1969 में वो दिल्ली आ गए और वही से इस अभिनेता ने अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की. आशीष विद्यार्थी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत थिएटर से की थी. एक समय ऐसा था जब वो दिल्ली में थिएटर करते थे और वहां पर उन्होंने खूब नाम कमाया.

आशीष विद्यार्थी ने ना सिर्फ बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाया, बल्कि वो थिएटर की भी मास्टर हैं. थिएटर पर जब आशीष विद्यार्थी परफार्म करने के लिए आते थे तो पूरा थिएटर भर जाता था. आशीष उन कलाकारों में से एक हैं, जो थिएटर के माध्यम से समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को थिएटर व सिनेमा के माध्यम से उठाते रहे हैं.

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बता दें कि आशीष विद्यार्थी शुरूआती समय में दिल्ली में थिएटर किया करते थे. वे दिल्ली के थियेटर की जान हुआ करते थे. आशीष का जन्म कलाकारों के परिवार में हुआ. उनकी मां मशहूर कथक डांसर थीं और उनके पिता जाने माने थिएटर आर्टिस्ट थे. आशीष का नाटक दयाशंकर की कहानी बहुत प्रसिद्ध हआ था. गोविंद निहलानी की फिल्म द्रोकाल में उनके अभिनय को हमेशा याद किया जाता है. अपनी शुरुआती दौर में ही आशीष को नेशनल अवॉर्ड मिल गया था. 

आशीष विद्यार्थी ने अपने करियर की शुरुआत कन्नड़ फिल्म 'आनंद' से की थी. लेकिन सन 1991 में उन्हें फिल्म काल संध्या से बॉलीवुड में ब्रेक मिला. इस फिल्म के बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा. उसके बाद आशीष विद्यार्थी ने 1942: अ लव स्टोरी, सरदार, बिच्छू, सरदार, द्रोखल, बर्फी, बाजी, नाजायज जैसी कई फिल्मों में काम किया. हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने AK-47, वन्दे मातरम, सैनिक, नंदी जैसी कई कन्नड़ फिल्मों में काम किया. फिल्मों के अलावा उन्होंने टेलीविजन में भी कई शोज किए.