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अजय देवगन के डाबर बबूल, एचयूएल रेक्सोना विज्ञापन को एएससीआई ने भ्रामक पाया

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने अभिनेता अजय देवगन के डाबर बबूल आयुर्वेदिक टूथपेस्ट के विज्ञापन के साथ ही हिंदुस्तान यूनिलीवर के रेक्सोना वाइटनिंग सहित कई अन्य विज्ञापनों को भ्रामक पाया है.

Updated on: 21 Feb 2020, 01:00 AM

मुंबई:

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने अभिनेता अजय देवगन के डाबर बबूल आयुर्वेदिक टूथपेस्ट के विज्ञापन के साथ ही हिंदुस्तान यूनिलीवर के रेक्सोना वाइटनिंग सहित कई अन्य विज्ञापनों को भ्रामक पाया है. एएससीआई, विज्ञापन क्षेत्र की एक स्वनियमन संस्था है. एएससीआई ने एक बयान में कहा कि यूट्यूब और टीवी पर दिखाए जाने वाले डाबर बबूल के हिंदी विज्ञापन में दावा किया गया है कि अन्य साधारण वाइट टूथपेस्ट ग्राहकों को ठग रहे हैं और इस ठगी से डाबर का टूथपेस्ट इस्तेमाल करके बचा जा सकता है.

इस विज्ञापन में अभिनेता अजय देवगन हैं. एएससीआई ने डाबर के इस विज्ञापन को भ्रामक पाया है. इसी तरह हिंदुस्तान यूनिलीवर के रेक्सोना वाइटनिंग रोल-ऑन के बांग्ला विज्ञापन में दावा किया गया है कि इस उत्पाद के इस्तेमाल से पांच दिनों में कांख के नीचे के सांवलेपन से छुटकारा पाया जा सकता है.

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एएससीआई ने इस विज्ञापन को भी अपर्याप्त तथ्यों वाला और भ्रामक पाया गया है. इसके अलावा रेकिट बेनकाइजर के ‘मूव’ के विज्ञापन, ओरिएंट इलेक्ट्रिक के क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की मौजूदगी वाले एलईडी लाइट इत्यादि कई विज्ञापनों को भ्रामक पाया गया है. एएससीआई ने नवंबर में 408 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों पर गौर किया. उसके कहने पर 137 विज्ञापनों को ब्रांड कंपनियों ने वापस ले लिया. वहीं 271 का ग्राहक शिकायत परिषद ने आकलन किया.

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इसमें से 248 शिकायतों को बरकरार रखा गया. इसमें 159 शिकायतें शिक्षा क्षेत्र, 44 स्वास्थ्य क्षेत्र, आठ निजी देखभाल उत्पाद, चार खान-पान क्षेत्र और 33 अन्य श्रेणी के विज्ञापनों से जुड़ी हैं.