अनुपम खेर (Photo Credit: social media)
मुंबई:
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (Kashmir files) के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर हर जगह बवाल मच गया है. फिल्म को लेकर एक बार फिर विवाद हो रहा है. दरअसल गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दौरान IFFI जूरी हेड और इजराइली फिल्म मेकर नादव लैपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दिया है, जिसका फिल्म के मुख्य एक्टर अनुपम खेर ने पलटवार किया है. एनआई के मिली जानकारी के मुताबिक, अनुपम खेर ने एक मंदिर के बाहर कुछ पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा, “द कश्मीर फाइल्स को लेकर, मैं उस व्यक्ति से कहूंगा कि भगवान उसे ज्ञान दे. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मंदिर के बाहर इस तरह की बातें करना सही नहीं है.''
अनुपम खेर (Anupam Kher) ने आगे कहा, 'अगर Holocaust सही है तो कश्मीरी पंडितों का Exodus भी सही है. मुझे ये प्री-प्लान्ड लगता है कि प्लानिंग किया गया है, क्योंकि उसके बाद तुरंत टूलकिट गैंग सक्रिय हो गया. इस तरह का बयान देना उनके लिए बेहद शर्मनाक है. एक यहूदी समुदाय से आने वाले, जिन्होंने Holocaust का सामना किया, उन्होंने उन लोगों को भी दुख दिया, जिन्होंने कई साल पहले इस त्रासदी को झेला था. मैं यही कहूंगा कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दें, ताकि वो इस तरह स्टेज से हजारों-लाखों लोगों की त्रासदी को अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए इस्तेमाल न करें.'
#WATCH | Anupam Kher speaks to ANI on Int'l Film Festival of India Jury Head remarks for 'Kashmir Files', "...If holocaust is right, the exodus of Kashmiri Pandits is right too. Seems pre-planned as immediately after that the toolkit gang became active. May God give him wisdom.." pic.twitter.com/cUQ1bqzFs7
— ANI (@ANI) November 29, 2022
इजराइली राजदूत ने फिल्म मेकर नादव से जताई असहमति
वहीं नादव लैपिड के बयान की अगर बात करें तो उन्होंने फिल्म को प्रोपेगेंडा और वल्गर बताया है. उन्होंने कहा, 'फिल्म को देखकर मुझे बहुत हैरानी हुई है, उन्होंने ये तक कह दिया ये फिल्म प्रतियोगिता में शामिल किए जाने लायक नहीं है. ये फिल्म सिर्फ प्रचार के लिए थी.' फिल्ममेकर के इस बयान के बाद से बवाल मच गया है. फिल्म क्रिटिक कमाल आर खान और एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने भी उनके इस बयान का समर्थन किया है. वहीं इजराइली राजदूत नाओर गिलोन ने खुद इस बयान पर फिल्म मेकर नादव लैपिड के बयान पर फटकार लगाई है. ये उनकी निजी राय है, बोर्ड उनके निजी विचारों को समर्थन नहीं देता है.