विनोद खन्ना की मौत के एक दिन बाद अमिताभ बच्चन ने अपने साथी अभिनेता से जुड़ी यादों को ब्लॉग के जरिये साझा किया। अमिताभ ने लिखा, 'जिस रास्ते पर विनोद खन्ना चले-उस पर कोई नहीं चल सकता। जो उन्होंने किया-वैसा कोई नहीं कर सकता।'
ब्लॉग में विनोद खन्ना की याद में बिग बी 48 साल पहले के अपने संघर्ष के दौर में पहुंच गए। उन्होनें लिखा, वह समय था जब वह (अमिताभ बच्चन) किसी फिल्म में, कैसा भी और कहीं पर भी रोल तलाश रहे थे। जबकि विनोद खन्ना को एक फिल्म में काम मिल चुका था। वह अजंता आर्ट्स फिल्म की 'मन का मीत' में काम कर रहे थे।
उनसे पहली मुलाकात सुनील दत्त के ऑफिस में हुई, जिनके साथ 1971 में 'रेशमा और शेरा' फिल्म में काम करने का मौका मिला। पहली मुलाकात में विनोद खन्ना एक खूबसूरत नौजवान के रूप में सामने थे, जो हर तरह से-हर फ्रेम में फिट था। चेहरे पर खुद्दारी की चमक थी।
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दत्त प्रोडक्शन से जो साथ बना, वह पूरी जिंदगी की दोस्ती में बदल गया। जब भी समय मिलता-हम एक-दूसरे के साथ होते। फिल्मों में साथ काम करते हुए हम ज्यादा से ज्यादा साथ रहने की कोशिश करते।
कई बार जुहू बीच पर देर रात बैठे और हर तरह की बातें कीं। उसकी सौम्य मुस्कान सहज ही किसी को आकर्षित कर लेती थी।
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यह बात 1969 की है। इसी पहली मुलाकात से हम दोस्त बन गए। समय गुजरा! उसका आत्मविश्वास भरा आकर्षण प्रभावशाली होता चला गया। महसूस हुआ कि उसे कोई भी भटका नहीं सकता। वह शांत व तनावमुक्त रहता था। वह भीड़ में होते हुए भी अलग दिखाई देता था।
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विदित हो कि विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन ने हेराफेरी, परवरिश, अमर अकबर एंथनी और मुकद्दर का सिकंदर जैसी सुपरहिट फिल्में साथ कीं।
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Source : News Nation Bureau