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जानिए! कंगना ने किस से सीखे कबड्डी में 'पंगा' लेने के गुर

गौरी और कंगना (Kangana Ranaut) की मुलाकात सितंबर 2018 में हुई जहां से उनके 5 महीने की ट्रेनिंग की शुरुवात हुई

Updated on: 10 Jan 2020, 02:24 PM

नई दिल्ली:

फिल्म 'पंगा' (Panga) से कंगना (Kangana Ranaut) कबड्डी के मैदान में ऐसी पारी खेलने के लिए तैयार हैं जिसे देख उनके चाहनेवाले भौचक्के रह जाएंगे. अपनी एक्टिंग से तो ये बॉलीवुड की क्वीन बन ही चुकी हैं पर कबड्डी के मामले में इन्हें कम न समझना क्योंकि कबड्डी फिल्म में कंगना राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी का रोल अदा कर रही हैं जो शादी और बच्चों के बाद फिर से अपने सपनो को पूरा करने के लिए दूसरा मौका लेती हैं और कबड्डी खेल में फिर फतेह हासिल करती हैं.

ट्रेलर में कंगना की कबड्डी बहुत सहज लग रही हैं पर इसके पीछे मिस रनौत की कड़ी मेहनत हैं जिसके लिए उनके बहुत मसक्कत करनी पड़ी. कंगना (Kangana Ranaut) को कबड्डी के मैदान में चैंपियन बनाने के पीछे हाथ हैं कोच गौरी वाड़ेकर का जो खुद एक अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी हैं.

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गौरी कहती हैं कि कंगना ने मुझसे कहा कि उन्हें बुनियादी स्तर की कबड्डी सिखाएं. कंगना के तत्काल कबड्डी तकनीकी सीखने के हुनर से गौरी बहुत प्रभावित हुई. गौरी ने कहा 'मैं आश्चर्य रह गयी कि जिस तकनीकी को सीखने के लिए लड़कियां 6 महीने का समय लगा देती हैं उसे कंगना ने कुछ ही वक़्त में झटके से कर लिया, वाकई ये काबिले तारीफ हैं.'

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गौरी और कंगना (Kangana Ranaut) की मुलाकात सितंबर 2018 में हुई जहां से उनके 5 महीने की ट्रेनिंग की शुरुवात हुई. गौरी बताती है कि "रोज सुबह 8 बजे से ट्रेनिंग की शुरुवात होती थी जो दो घण्टे तक चलती थी और कंगना एकदम समय पर आ जाती थी, कंगना ने कभी कोई ट्रेंनिंग सेशन छोड़ा नहीं. हमने दिल्ली,कोलकाता और मुम्बई के अलग-अलग मौसम में शूट किया लेकिन कंगना की लगन कभी नही डगमगाई".

"कबड्डी के लिए पैरो की मजबूती पर ज्यादा ध्यान दिया जाता हैं तो कंगना को squats (दंडबैठक) और lunges(छलांगवाले) वाले व्यायाम करवाये जाते थे. कबड्डी के हर पहलू यानी कि आक्रामक पैतरे,बचाव पैतरे, और बोनस कैसे लिया जाए साथ ही किस पैर पर जोर दिया जाए जो हर दिशा में सामने वाली टीम के खिलाफ एक बेहतरीन हार हो, ऐसी हर रणनीति पर हम ध्यान देते थे" .

इतना ही नहीं गौरी ने बताया कि " फिल्म में कंगना की जीवन के दो पहलू दिखाए गए हैं एक शादी के पहले और एक बच्चे के बाद और उसी हिसाब से हमने ट्रेनिंग भी डिज़ाइन किया. जहा कंगना को पहले से ज्यादा मोटी लगना था, तो उस हिसाब से हमने वजन बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया,चूंकि कबड्डी खेल में माहिर होने के लिए व्यायाम के अलावा कंगना ने अपने खाने में भी बदलाव किए ,जिससे उनको ताकत मिले क्योंकि कबड्डी में भी कुश्ती की तरह ताकत लगती हैं जिसके लिए कंगना ने ज्यादातर चर्बी वाले खाने, कार्बोहाइड्रेट वाले खाने, कच्ची सब्जियां यानी कि सलाद और जूस लेना शुरू कर दिया था".

कंगना कहती हैं कि "मुझे कहा गया कि मुझे अपने पैरों पर वजन बढ़ाना हैं क्योंकि मैं वो कबड्डी खिलाड़ी हु जो प्रतिद्वंदी खिलाड़ी पर अटैक करती हैं पर मुझे उस भाग को भी दिखाना पड़ा जहा पर वो रिटायर भी होती हैं".

जिस तरह से कंगना ने,एक कबड्डी खिलाड़ी न होने के बावजूद इस फिल्म के शूट के दरम्यान प्रोफेशनल खिलाड़ियों के बीच अपना प्रदर्शन दिया उससे गौरी वाड़ेकर काफी प्रभावित हैं. गौरी कहती हैं कि "बहुत मुश्किल होता था अंतर करना जब कंगना उन मंजे खिलाड़ियों पर अटैक करती थी और मैं डरती थी कि कही वो सब कंगना पर हावी न हो जाये,"हँसकर गौरी ने अपनी बात कही.