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Birthday Special: ओम पुरी को करनी पड़ी थी ढाबे में नौकरी, जानिए कैसे बने एक्टिंग के सरताज

ओमपुरी (Om Puri) ने अपने सिनेमा करियर की शुरुआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की थी

Updated on: 18 Oct 2019, 01:11 PM

नई दिल्ली:

भारतीय सिनेमा जगत में अपने दमदार अभिनय और संवाद शैली से एक अलग पहचान बनाने वाले ओमपुरी (Om Puri) का आज जन्मदिन हैं. ओमपुरी ने लगभग तीन दशक तक दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है लेकिन कम लोगों को ही पता होगा कि वह अभिनेता नहीं बल्कि रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे.

हरियाणा के अंबाला में 18 अक्टूबर 1950 को जन्मे ओम पुरी (Om Puri) का बचपन काफी कष्टमय बीता. परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिये उन्हें एक ढाबे में नौकरी तक करनी पड़ी थी. लेकिन कुछ दिनों बाद ढाबे के मालिक ने उन्हें चोरी का आरोप लगाकर हटा दिया.

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बचपन में ओमपुरी जिस मकान में रहते थे उसके पीछे एक रेलवे यार्ड था. रात के समय ओमपुरी अक्सर घर से भागकर रेलवे यार्ड में जाकर किसी ट्रेन में सोने चले जाते थे. उन दिनों उन्हें ट्रेन से काफी लगाव था और वह सोचा करते थे कि बड़े होने पर वह रेलवे ड्राइवर बनेंगे.

कुछ समय के बाद ओमपुरी अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला चले आये जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. लगभग तीन वर्ष तक पंजाब कला मंच से जुड़े रहने के बाद ओमपुरी ने दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाखिला ले लिया. इसके बाद अभिनेता बनने का सपना लेकर उन्होंने पुणे के फिल्म संस्थान में दाखिला ले लिया.

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वर्ष 1976 में पुणे के फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा भी दी. बाद में उन्होंने अपने निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा’ की स्थापना की. ओमपुरी (Om Puri) ने अपने सिनेमा करियर की शुरुआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की. मराठी नाटक पर बनी इस फिल्म में ओमपुरी ने घासीराम का किरदार निभाया था. इसके बाद ओमपुरी ने गोधूलि, भूमिका, भूख, शायद, सांच को आंच नहीं जैसी कला फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इससे उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली.

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वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘आक्रोश’ ओम पुरी के सिने करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई. गोविन्द निहलानी निर्देशित इस फिल्म में ओम पुरी ने एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया जिस पर पत्नी की हत्या का आरोप लगाया जाता है. फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये ओमपुरी सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गए. ओमपुरी ने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 200 फिल्मों में अभिनय किया. अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले ओमपुरी छह जनवरी 2017 को अलविदा कह गये.