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एक्टर डीनो मोरिया पर बड़ी कार्रवाई, इस मामले में कुर्क हुई करोड़ों की संपत्ति

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. खबर के मुताबिक तीनों पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का आदेश मिला था, साथ ही चारों की अब तक 8.79 करोड़ रुपये तक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

Updated on: 03 Jul 2021, 04:29 PM

highlights

  • डीनो मोरिया पर ED ने कसा शिकंजा
  • डीनो मोरिया सहित अहमद पटेल के दामाद की संपत्ति कुर्क
  • ED का दावा पीएनबी घोटाले से भी बड़ा है स्केम

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने दिवंगत कांग्रेसी नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) के दामाद इरफान अहमद सिद्दीकी और अभिनेता डीनो मोरिया (Dino Morea) के साथ संजय खान और डीजे अकील की संपत्ति को कुर्क कर दी है. इन सभी लोगों पर ये कार्रवाई गुजरात स्थित दवा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक समूह से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में हुई है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. खबर के मुताबिक तीनों पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का आदेश मिला था, साथ ही चारों की अब तक 8.79 करोड़ रुपये तक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

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ईडी का आरोप है कि यह भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से की गई धोखाधड़ी से भी बड़ा मामला है क्योंकि इसमें धोखाधड़ी की रकम 16000 करोड़ रुपए के करीब है. उसने कहा कि आंध्रा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह के साथ धोखाधड़ी हुई. पीएनबी (PNB Scam) से हुई धोखाधड़ी 13,400 करोड़ रुपए की करीब थी. 

जानकारी के मुताबिक ईडी ने संजय खान की करीब 3 करोड़ रुपये तक की संपत्ति जब्त की गई है तो वहीं डीनो मोरिया की संपत्ति करीब 1.4 करोड़ रुपए के आसपास की है. जबकि डीजे अकील की 1.98 करोड़ रुपये की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की गई है. ईडी ने कहा कि धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत 4लोगों की संपत्ति कुर्क करने के चार अलग शुरुआती आदेश जारी किए गए हैं. संपत्ति की कीमत 8.79 करोड़ रुपए है. 

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ED के अनुसार जब्त की गई परिसंपत्तियों में तीन वाहन, कई बैंक खाते, शेयर और म्यूचुअल फंड हैं. पूर्व में इस मामले में जांच एजेंसी सिद्दिकी, मोरिया (45) और अकील (44) से पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने संदेसरा परिवार के कर्मचारी सुनील यादव का बयान दर्ज किया था, जहां उसने एजेंसी को बताया था कि सिद्दिकी का दिल्ली के वसंत विहार में एक घर पर 'कब्जा' है जो कथित तौर पर चेतन संदेसरा का है. मोरिया और अकील को गुजरात स्थित दवा समूह द्वारा 2011-12 में कथित तौर पर अवैध रूप से कुछ रकम का भुगतान किया गया जब वे कथित तौर पर संदेसरा भाइयों द्वारा आयोजित एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.