महमूद को याद कर भावुक हुए धर्मेंद्र, कहा- जब भी मिलता था...
29 सितंबर 1933 को मुंबई में जन्में महमूद अली (Mehmood) 23 जुलाई 2004 में दुनिया को अलविदा कह गए थे. आज के दिन बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र (Dharmendra) ने महमूद अली (Mehmood) को याद करते हुए एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर शेयर की है
अभिनेता धर्मेंद्र ने महमूद को किया याद( Photo Credit : फोटो- @aapkadharam Instagram)
हिंदी सिनेमाजगत के मशहूर कॉमेडियन, फिल्मस्टार और निर्देशक महमूद अली (Mehmood) ने साधारण रोल से लेकर कॉमेडी किरदार को फिल्मों में बखूबी निभाया है. 29 सितंबर 1933 को मुंबई में जन्में महमूद अली (Mehmood) 23 जुलाई 2004 में दुनिया को अलविदा कह गए थे. आज के दिन बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र (Dharmendra) ने महमूद अली (Mehmood) को याद करते हुए एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर शेयर की है. तस्वीर के साथ ही महमूद के लिए धर्मेंद्र (Dharmendra) ने इमोशनल पोस्ट भी लिखा है.
धर्मेंद्र (Dharmendra) ने महमूद को याद करते हुए लिखा, 'जब भी मिलता था.. माहौल खिल उठता था..तेरी याद में महमूद...मन भर आता है.' कॉमेडियन, अभिनेता और निर्देशक महमूद अली (Mehmood) के लिए धर्मेंद्र (Dharmendra) द्वारा लिखा गया ये पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स भी कमेंट के जरिए महमूद को याद कर रहे हैं.
बता दें कि महमूद (Mehmood) बचपन के दिनों में मलाड और विरार के बीच चलने वाली लोकल ट्रेनो में टॉफियां बेचा करते थे. पिता की सिफारिश से महमूद को 1943 में बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'किस्मत' में मौका मिला. महमूद के पिता मुमताज अली तब बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो में काम करते थे. महमूद अली (Mehmood) को बतौर जूनियर आर्टिस्ट 'दो बीघा जमीन' और 'प्यासा' जैसी बेहतरीन फिल्मों में भी काम करने का मौका मिला. बतौर कॉमेडियन फिल्म 'पड़ोसन' महमूद की सबसे बेहतरीन फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया किरदार हमेशा के लिए अमर हो गया है. वहीं फिल्म 'कुंवारा बाप' में महमूद (Mehmood) ने एक सशक्त किरदार निभाया जो कॉमेडी-कॉमेडी में काफी गंभीर मैसेज दे गया. इसके बाद फिल्म 'लव इन टोक्यो', 'आंखें' और 'बॉम्बे टु गोवा' जैसी फिल्मों में महमूद की गाड़ी दौड़ा दी. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के करियर को आगे बढ़ाने में भी महमूद का बेहद खास रोल है.