बॉलीवुड के लीजेंड और ‘जम्पिंग जैक’ के नाम से मशहूर अभिनेता जितेन्द्र को हाल ही में खासदार ज्येष्ठ नागरिक संकुलन महोत्सव में ‘ज्येष्ठ नागरिक’ सम्मान से सम्मानित किया गया. इस भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए. इस दौरान जीतेंद्र की शानदार फिल्मी यात्रा और भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया.
जितेन्द्र, जो अपने ज़माने के सुपरस्टार रहे हैं, उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है. उनकी शानदार एक्टिंग, जबरदस्त स्क्रीन प्रेजेंस और खासतौर पर उनका नृत्य आज भी याद किया जाता है. जितेन्द्र को उनके प्रशंसक ‘लीजेंडरी सुपरस्टार’ के नाम से जानते हैं.
जितेन्द्र की संघर्षपूर्ण यात्रा
सम्मान समारोह में जितेन्द्र ने अपनी शुरुआती जिंदगी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 18 साल तक मुंबई के गिरगांव चॉल में रहकर संघर्ष किया. उन्होंने बताया, 'जब मैं सिर्फ 15 दिन का था, तब मेरी मां मुझे लेकर मुंबई आ गई थीं. मैंने गिरगांव की चॉल में बचपन बिताया. वहां जगह छोटी थी, लेकिन प्यार बहुत था. मेरी जिंदगी के सबसे अच्छे साल वही थे.' उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वह शुरुआत में एक्स्ट्रा और जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम करते थे. उन्हें पहली फिल्म में ब्रेक तब मिला जब शांता राव बाप को यह मज़ेदार लगा कि एक पंजाबी लड़का इतनी शुद्ध मराठी बोल सकता है.
सम्मान समारोह में Nitin Gadkari ने की तारीफ
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जीतेंद्र के फिल्म इंडस्ट्री में योगदान की सराहना की और कहा कि वह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने रहेंगे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जितेन्द्र की फिल्में और उनकी मेहनत आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं.
जितेन्द्र का आभार
सम्मान प्राप्त करने के बाद जितेन्द्र ने कहा, 'मैं खुद को पूरी तरह से महाराष्ट्रियन मानता हूं, क्योंकि मैंने अपनी पूरी जवानी मुंबई की चॉल में बिताई. यह सम्मान मेरे लिए बहुत मायने रखता है.' यह सम्मान बॉलीवुड और भारतीय सिनेमा में जितेन्द्र की अद्वितीय विरासत को सम्मान देने का एक शानदार प्रयास था. वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं बल्कि एक आइकन हैं, जिनकी फिल्मों और जीवन से आज भी लाखों लोग प्रेरणा लेते हैं.