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फिल्म 'गोरखपुरिया रंगबाज' के अभिनेता राघव पांडे ने कहा- भोजपुरी से ज्यादा हिंदी फिल्मों में अश्लीलता

धीरे-धीरे ही सही लेकिन भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री अपनी पहचान बना रहा है, जिसमें नए कलाकरों का भी बहुत बड़ा योगदान है, जो एक्टिंग की समझ के साथ आ रहे हैं. तो आज हम ऐसे ही एक उभरते भोजपुरी अभिनेता राघव पांडे और उनकी फिल्म 'गोरखपुरिया रंगबाज' के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने अपनी फिल्म और भोजपुरी सिनेमा से जुड़ी बातों को विस्तार से बताया.

धीरे-धीरे ही सही लेकिन भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री अपनी पहचान बना रहा है, जिसमें नए कलाकरों का भी बहुत बड़ा योगदान है, जो एक्टिंग की समझ के साथ आ रहे हैं. तो आज हम ऐसे ही एक उभरते भोजपुरी अभिनेता राघव पांडे और उनकी फिल्म 'गोरखपुरिया रंगबाज' के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने अपनी फिल्म और भोजपुरी सिनेमा से जुड़ी बातों को विस्तार से बताया.

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Vineeta Mandal
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Actor Raghav pandey( Photo Credit : (फोटो-News Nation))

बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के बीच अब क्षेत्रीय फिल्में भी अपनी पैठ जमा चुकी है. खासतौर से भोजपुरी फिल्में, जिसका दर्शक अब रिक्शा चालाक और मजदूर ही नहीं बल्कि अन्य कई लोग भी है. इसी का नतीज है कि राजनीति जगत से लेकर हिंदी फिल्म और टेलिविजन तक पर भोजपुरी स्टार छाए हुए है. धीरे-धीरे ही सही लेकिन भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री अपनी पहचान बना रहा है, जिसमें नए कलाकरों का भी बहुत बड़ा योगदान है, जो एक्टिंग की समझ के साथ आ रहे हैं. तो आज हम ऐसे ही एक उभरते भोजपुरी अभिनेता राघव पांडे और उनकी फिल्म 'गोरखपुरिया रंगबाज' के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने अपनी फिल्म और भोजपुरी सिनेमा से जुड़ी बातों को विस्तार से बताया.

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1. फिल्म 'गोरखपुरिया रंगबाज' लोग क्यों देखें?

हमारे इस सवाल के जवाब में राघव ने कहा कि ये फिल्म गोरखपुर की एक सच्ची घटना पर आधारित है. फिल्म में दो दोस्तों की कहानी दिखाई गई है जो बचपन से ही अनाथ हैं और दोनों को वहां का एक दंबग शख्स उन्हें पालता है. इसके बाद जब वो बड़ें हो जाते हैं तो दोनों दोस्तों से हत्या, लूट और अन्य गैरकानूनी कामों को अंजाम दिलवाता है. हमारी फिल्म खासियत है इसे दर्शक पूरे परिवार के साथ देख सकता है. इसमें हमने किसी भी तरह की अश्लीलता नहीं मिक्स की है, इसमें केवल लोगों को मनोरंजन मिलेगा.

2. एक्टिंग की दुनिया में कब और कैसे आना हुआ?

राघव- साल 2010 में पटना से पढ़ाई करने के बाद मैं मुंबई पहुंचा, जहां लगातार 6 महीने तक ऑडिशन देने के बाद मुझे एक विज्ञापन में काम करने का मौका मिला. ये विज्ञापन 'जागो ग्राहक जागो' का था जो लोगों को जागरुक करने काम करता था. इसके बाद मुझे कई टीवी सीरियल्स मिला, जिसमें 'साथ निभाना साथिया', 'इत्ती सी खुशी' और 'ओ गुजरिया' खास है. इसके अलावा मैंने कई थिएटर और नुक्कड़ नाटक किए.

3. पहली फिल्म कौनसी थी?

राघव- मुझे जाने-माने एक्टर-सिंगर अरविंद अकेला उर्फ कल्लू जी की फिल्म 'सईयां हमार कलाकार बा' में काम करने का मौका मिला. लेकिन बता दूं कि साल 2011 में मुझे पहली फिल्म 'अनमोल रिश्ता' मिला था,जो कई कारणों से पूरी नहीं हो पाई थी. अब 'गोरखपुरिया रंगबाज' के बाद बैक टू बैक कई भोजपुरी फिल्में मिली है. इसके अलावा एक हिंदी हॉरर फिल्म भी लाइन में है, जिसमें एक्टर राजपाल यादव के साथ कई अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया जैसे कलाकार है.

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4. भोजपुरी फिल्म में अश्लीलता की असल वजह क्या हैं?

राघव- भोजपुरी से ज्यादा अश्लीलता हिंदी फिल्मों में और वेब सीरिज में होती है. लेकिन इनके दर्शकों की एक क्लास होती है इसलिए सब आराम से मैनेज हो जाता है. वहीं भोजपुरी सिनेमा के अधिक दर्शक एक मजदूर और ग्रामीण तबके के लोग होते हैं. इस वजह से भोजपुरी फिल्मों में सेक्स या रोमांस का सीन नॉर्मल बिना घुमाए दिखा दिया जाता है. वरना हिंदी फिल्मों में भी इससे ज्यादा अश्लील गाने और सीन होते है.  वहीं वेब सीरीज की तो बात ही छोड़ दीजिए.

5. भोजपुरी गानों से अश्लीलता की वजह क्या है?

राघव- भोजपुरी गानों में अश्लीलता को बढ़ावा नए सिंगर तेजी से दे रहें हैं. उन्हें लगता है कि वो इस तरह से लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और तेजी से आगे बढ़ सकते हैं. इसी वजह से आजकल भोजपुरी गानों में तेजी से अश्लील शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन एक बात के लिए आपको मानना पड़ेगा कि भोजपुरी सिंगर्स बहुत ही ज्यादा क्रिएटिव होते हैं. इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा में सिंगर्स को अधिक तवज्जों दिया जाता है जिस वजह से हर कोई सिंगर बनने को कोशिश में लगा रहता है.

6. भोजपुरी फिल्मों की क्वालिटी कैसे ठीक हो?

राघव- भोजपुरी फिल्मों में सुधार के लिए निर्देशक, प्रोड्यूसर को फिल्म के बजट के पैसे का सही इस्तेमाल करना होगा. अगर फिल्म गांव की पृष्टभूमि पर बनी है तो इसकी शूटिंग विदेशों में करने से कोई फायदा नहीं है. वहीं अगर फिल्म में आइटम सॉन्ग की जरूरत नहीं है तो इसे डालने से बचना चाहिए. वहीं बड़े कलाकारों को अपनी फीस थोड़ी कम कर देनी चाहिए, जिससे उस पैसों का इस्तेमाल फिल्म को बेहतर बनाने में लगाया जा सके. इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा में कुछ अलग फिल्म भी बननी चाहिए, जिससे इसका रिमेक बॉलीवुड बनाए न कि हर बार हम उनकी कॉपी करें. वहीं भोजपुरी अभिनेताओं को अपनी एक्टिंग और फिजिक्स पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

7. एक्टिंग की प्रेरणा किससे मिलती है?

राघव- मेरी प्रेरणा अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान है उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है. वहीं भोजपुरी फिल्मों में रवि किशन और अवधेश मिश्रा है, जिन्होंने भोजपुरी सिनेमा को अलग पहचान दी. वहीं परिवार में माता-पिता और भाई ने भी मुझे अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए काफी प्रेरित किया है. बाकि मेरी पूरी कोशिश रहेगी की मैं भोजपुरी सिनेमा में कुछ अलग करूं और फूहड़ता से दूर रहूं. 

Source : Vineeta Mandal

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