हाल ही में बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में एक गंभीर विवाद उभरा है. मशहूर फिल्म निर्माता और अभिनेता अरिंदम सिल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, जिसके कारण डायरेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया ने उन्हें निलंबित कर दिया है. इस घटना ने फिल्म इंडस्ट्री में एक नई हलचल मचा दी है और इससे जुड़े मामले ने मीडिया और सोशल मीडिया पर भी काफी ध्यान आकर्षित किया है.
फेमस डायरेक्टर पर लगा सेक्सुअल हैरेसमेंट
अरिंदम सिल, जिनका नाम बंगाली सिनेमा के प्रमुख नामों में शामिल है, पर यौन उत्पीड़न का आरोप फिल्म के सेट पर ही लगा है. डीएईआई ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और ये पूरे संगठन की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं. संगठन ने स्पष्ट किया कि जब तक आरोपों का स्पष्टिकरण नहीं हो जाता, तब तक अरिंदम सिल की सदस्यता निलंबित रहेगी.
मलयालम सिनेमा में भी यौन शोषण के मामले
इससे पहले मलयालम सिनेमा में भी यौन शोषण के मामले सामने आ चुके हैं, जिससे फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा विवाद उत्पन्न हुआ था. हेमा कमेटी रिपोर्ट के खुलासे ने मलयालम सिनेमा में यौन उत्पीड़न के मामलों को उजागर किया और इसके बाद कई प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किए गए. इस रिपोर्ट ने फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव की लहर पैदा की और कई बड़े नामों को इससे जोड़कर देखा गया.
बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में भी मीटू अभियान
बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में मीटू अभियान के तहत अरिंदम सिल पर लगे आरोपों ने इस विवाद को और भी बड़ा बना दिया है. इससे पहले मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल को भी ऐसे मामलों में ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था, और उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके चलते एसोसिएशन भी भंग हो गया था.
अरिंदम सिल बंगाली सिनेमा का एक महत्वपूर्ण नाम
अरिंदम सिल बंगाली सिनेमा का एक महत्वपूर्ण नाम हैं. वे "कहानी 2: दुर्गा रानी सिंह", "डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी", और "Te3n" जैसी प्रमुख फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. उन्हें 2014 में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से महानायक उत्तम कुमार सम्मान से भी नवाजा गया था.