केरल की वायनाड सीट (Wayanad) क्या राहुल गांधी के लिए सुरक्षित है. इस सवाल का जवाब तो आंकड़ों में छिपा है. परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई वायनाड सीट पर वैसे तो कांग्रेस का कब्जा है पर लेकिन पहले चुनाव के बाद पंजे की पकड़ सीट पर कमजोर हुई है. कांग्रेस को पिछले चुनाव में 30% वोट मिले जो 2009 के चुनाव में मिले कुल मतों से 7 फीसद कम था. पीएम नरेंद्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में दो सीटों से जीते थे. पहली बार मोदी अपना गढ़ गुजरात छोड़कर उत्तर प्रदेश की काशी में आए थे. काशी यानी वाराणसी ने तो मोदी को सिर आंखों पर बिठा लिया पर क्या राहुल गांधी को वायनाड अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका देगा. आंकड़ों की जुबानी वायनाड की कहानी..
'धान की भूमि'
वायनाड केरल के 20 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है. यह केरल का एक नामी शहर है. 1 नवंबर 1980 में इस शहर की स्थापना हुई थी. 'वायनाड' नाम 'वायल नाडु' से लिया गया है जिसका मतलब अंग्रेजी में 'धान की भूमि' होता है. इसके सात विधानसभा क्षेत्र हैं. बानासुरा सागर डैम, कारापुज़हा डैम यहां के दो प्रसिद्ध डैम हैं. दिल्ली से वयनाड की दूरी 2,461 किलोमीटर है.
चुनाव परिणाम 2014
- कांग्रेस के एम आई शानवास 377,035 वोट पाकर जीते जो कुल मतों को 30% भी था
- CPI के सत्यन मुकेरी को 356,165 वोट मिले और यह कुल मतों का 28% था
- BJP के पी आर रसमिलनाथ को 80,752 वोट मिले और यह कुल मतों का 6% था
चुनाव परिणाम 2009
- कांग्रेस के एम आई शानवास 410,703 वोट पाकर जीते और यह कुल मतों का 37% था
- CPI के एडवोकेट एम रहमतुल्ला को 257,264 वोट मिले और यह 23% था
- NCP की ओर से के मुरलीधरन 99,663 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे यह 9%था
Source : DRIGRAJ MADHESHIA