राजगढ़ लोकसभा सीट: दिग्विजय सिंह के गढ़ में इस बार कौन मारेगा बाजी
यह मध्य प्रदेश की VIP सीटों में से एक है. इस सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस ने राज किया.
नई दिल्ली:
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का गढ़ है राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र. यह मध्य प्रदेश की VIP सीटों में से एक है. इस सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस ने राज किया. दिग्विजय सिंह 2 बार यहां से सांसद चुने जा चुके हैं तो वहीं उनके भाई लक्ष्मण सिंह 5 बार . हालांकि यहां पर दोनों भाइयों को हार का भी सामना करना पड़ा है. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और रोडमल नागर यहां के सांसद हैं. 12 मई को यहां वोट डाले जाएंगे.
छठे चरण की अधिसूचना 16 अप्रैल को होगी जारी
- 16 अप्रैल, 2019 : दूसरे चरण की अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन शुरू हो जाएंगे
- 23 अप्रैल, 2019 : नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन
- 24 अप्रैल, 2019 : नामांकन पत्रों की जांच होगी
- 26 अप्रैल, 2019 : नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख
- 12 मई, 2019 : मतदान
राजगढ़ एक छोटा-सा जिला है लेकिन एक साफ-सुथरा है. जिले में स्थित नरसिंहगढ़ के किले को कश्मीर ए मालवा कहा जाता है. ये मध्य प्रदेश का सर्वाधिक रेगिस्तान वाला जिला है.ये जिला मालवा पठार के उत्तरी छोर पर पार्वती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है.
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2011 की जनगणना के मुताबिक राजगढ़ में 24,89,435 जनसंख्या है. इस क्षेत्र में गुर्जर, यादव और महाजन वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है. ये चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 57.75 फीसदी मतदान हुआ था.
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राजगढ़ में 18.68 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं और 5.84 अनुसूचित जनजाति के हैं. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में इस सीट पर 15,78,748 मतदाता थे. इनमें से 7,51747 महिला मतदाता और 8,27,001 पुरुष मतदाता थे.
पिछले चुनाव
- 1962 में यहां पर हुए पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भानुप्रकाश सिंह ने कांग्रेस के लिलाधर जोशी को हराया था.
- 1984 में कांग्रेस के टिकट पर दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के जमनालाल को मात दी थी.
- 1989 में दिग्विजय सिंह को बीजेपी के प्यारेलाल खंडेलवाल ने हरा दिया था.
- 1991 में दिग्विजय सिंह ने इस हार का बदला लिया और प्यालेलाल को हरा दिया.
- 1994 में यहां पर उपचुनाव हुआ. कांग्रेस की ओर से दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह जीते
- इसके बाद लक्ष्मण सिंह ने 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में भी जीत हासिल की.
- 2004 के चुनाव में सिंह को जीत तो मिली थी, लेकिन उन्होंने इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव पर लड़ा था.
- 2009 के चुनाव में कांग्रेस के नारायण सिंह ने उन्हें मात दी. इस सीट पर कांग्रेस को 6 बार जीत मिली है
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. चचौड़ा, ब्यावरा, सारंगपुर, राघोगढ़, राजगढ़, सुसनेर, नरसिंहगढ़ और खिलचीपुर यहां की विधानसभा सीटें हैं. इन 8 सीटों में से 5 पर कांग्रेस और 2 पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि 1 सीट पर निर्दलीय विधायक है.
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में बीजेपी के रोडमल नागर ने कांग्रेस अंलाबे नारायण सिंह को हराया था. इस चुनाव में नागर को 5,96,727(59.04 फीसदी) वोट मिले थे और अंलाबे नारायण को 3,67,990(36.41 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,28,737 वोटों का था. तीसरे स्थान पर बसपा रही थी. उसको 1.37 फीसदी वोट मिले थे.
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