lok sabha election 2019 : भारत के 14वें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में एक नजर
नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, उन्हें पद और गोपणीयता की शपथ तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिलाई थी.
नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्हें पद और गोपणीयता की शपथ तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिलाई थी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे. प्रधानमंत्री बनने से पहले वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उनका कार्यकाल 7 अक्टूबर 2001 से लेकर 22 मई 2014 तक रहा. उनका जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वड़नगर में हुआ था. उनका पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है. उनकी पत्नी का नाम जसोदाबेन चिमनलाल है. उन्होंने अपनी शिक्षा गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की है. नरेंद्र मोदी के पिताजी चाय बेचने का काम करते थे. तो वह भी इस काम में उनको मदद करते थे. कुछ दिनों के बाद वह अपना चाय की दुकान खोल ली.
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक जीवन
नरेंद्र मोदी बहुत ही कम उम्र में राजनीति के संपर्क में आ गए. महज 8 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस ) से जुड़ गए. शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे घर से दूर चले गए. इसके बाद वह भारत की यात्रा पर निकल गए. यात्रा के बाद वह गुजरात लौटे. 1971 में आरएसएस से वह पूर्ण रूप से जुड़ गए. आरएसएस के लिए कार्य करते-करते वह 1985 में बीजेपी ज्वाइन कर ली. इस दौरान 2001 तक पार्टी के अंदर कई पदों पर आसीन हुए. इनका राजनीतिक सफर बहुत ही अच्छा चल रहा था. लेकिन इनके जीवन में एक मोड़ आया. गुजरात भूकंप के समय राज्य के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे. वह बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे. और गुजरात भूकंप के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री की छवि जनता के बीच खराब हो चुकी थी. उस समय सरकार जनता की जरूरत पर खरा नहीं उतर पाई.
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राजनीतिक दबाव के कारण और उस वक्त के प्रबल दावेदार नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी ने केशुभाई पटेल को हटाकर 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया. मोदी शीघ्र ही विधानसभा में विधायक चुनकर आ गए. उसके शासन काल में 2002 में गुजरात में दंगा हो गया था. जिसके लिए उसकी सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी. लेकिन आर्थिक विकास के तौर पर उनकी नीतियों को काफी सराहा गया. उनके काम को देखते हुए गुजरात की जनता ने उन्हें 4 बार मुख्यमंत्री बनाया. 2014 में वह गुजरात के वडोदरा और उत्तर प्रदेश के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. दोनें संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए. उनके नेतृत्व में ही भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 में रिकोर्ड तोड़ 282 सीट जीती थी. पहली बार किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिली थी. सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा में आडवाणी के प्रमुख सारथी के रूप में नरेंद्र मोदी रहे. इसी प्रकार दूसरी रथ यात्रा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक निकाली गई. इस यात्रा में भी नरेंद्र मोदी मुख्य भूमिका रहे.
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता
प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान में देश के सबसे लोकप्रियता नेताओं में शुमार हैं. ट्विटर पर उनके सबसे ज्यादा फॉलोअर 4.5करोड़ से अधिक हैं. उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है. टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है.
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गुजरात के मुख्यमन्त्री के रूप में
उन्होंने कई हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करवा दिया था. इसके लिए उन्हें विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों से काफी आलोचना झेलनी पड़ी. लेकिन बताया जाता है कि ये मंदिर सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक अवैध बताया जाता था. नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिए पंचामृत योजना चलाई थी.
-जल की बर्बादी रोकने के लिए सुजलाम् सुफलाम् योजना चलाई गई थी.
-कृषि महोत्सव से उपजाऊ भूमि के लिये शोध प्रयोगशालाएं बनाई गई थीं.
-चिरंजीवी योजना नवजात शिशु की मृत्युदर में कमी लाने के लिए बनाई गई थी.
-मातृ वंदना योजना जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए चलाई गई थी.
-बेटी बचाओ भ्रूण हत्या व लिंगानुपात पर अंकुश लगाने के लिए
-ज्योतिग्राम योजना प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाने के लिए
-कर्मयोगी अभियान – सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने के लिए योजना चलाई थी.
-कन्या कलावाणी योजना महिला साक्षरता व शिक्षा के प्रति जागरुकता के लिए चलाई गई थी.
-बालभोग योजना निर्धन छात्रों को विद्यालय में दोपहर का भोजन देने के लिए बनाई गई थी.
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2014 लोकसभा चुनाव और नरेंद्र मोदी
2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 336 सीट पर कब्जा किया. वहीं अकेले बीजेपी ने 282 सीट दर्ज की. कांग्रेस सिर्फ 44 सीट ही जीत पाई. 20 मई 2014 को संसद भवन में घुसने से पहले नरेंद्र मोदी ने जमीन पर झुककर प्रणाम किया था. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नरेन्द्र मोदी को भारत का 14वां प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ दिलाई. नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडोदरा से भी सांसद निर्वाचित हुए थे लेकिन उन्होंने वहां से इस्तीफा दे दिया और उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रतिनिधत्व करने का ऐलान किया.
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