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Priyank Gandhi Will Have To Weight For Lok Sabha ( Photo Credit : Social Media)
Priyanka Gandhi: लोकसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रही कांग्रेस की नीति और रीति दोनों ही अब तक कुछ खास नहीं रही है. एनडीए तो 400 पार का आंकड़ा देने के साथ अपनी जीत की ओर कदम बढ़ाना शुरू भी कर दिए हैं, लेकिन कांग्रेस न तो मुद्दे पकड़ पा र ही है और न ही अपने प्रत्याशियों को समय पर लॉन्च कर पा रही है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गांधी परिवार के ईर्द गिर्द घूमती कांग्रेस को पारंपरिक सीट रायबरेली औऱ अमेठी का ऐलान आधा चुनाव निपटने के बाद हुआ है. खास बात यह है कि रायबरेली और अमेठी इन दोनों ही सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं, उम्मीद जताई जा रही थी कि इन्हीं में से किसी एक सीट पर प्रियंका गांधी लोकसभा में अपना डेब्यू करेंगीं. लेकिन कांग्रेस ने यहां भी अपने फैसले से सबको चौंका दिया.
रायबरेली से जहां राहुल गांधी ताल ठोक रहे हैं तो वहीं अमेठी से कांग्रेस ने पुराने भरोसेमंद के एल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. यानी प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने पर अब भी सस्पेंस कायम है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रियंका गांधी का क्या होगा, क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में भी प्रियंका गांधी का डेब्यू नहीं हो पाएगा, क्या प्रियंका गांधी को संसद के निचले सदन यानी लोकसभा पहुंचने के लिए अभी और इंतजार करना होगा.
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क्या है प्रियंका का जवाब
अमेठी और रायबरेली दोनों ही सीटों से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को टिकट नहीं दिया है. सबसे ज्यादा उम्मीद अमेठी सीट से जताई जा रही थी, लेकिन यहां से भी के एल शर्मा के नाम पर मुहर लग गई. जब प्रियंका गांधी से चुनाव न लड़ने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी को तो संचालन भी करना है. हालांकि उन्होंने मुस्कुराते हुए इस बात का जवाब दिया लेकिन इस मुस्कुराहट के पीछे एक छिपा हुआ दर्द भी दिखा.
क्योंकि लोकसभा की दहलीज पार करने के लिए अभी प्रियंका गांधी को और इंतजार करना होगा. प्रियंका गांधी भाई राहुल गांधी के नामांकन के लिए रायबरेली पहुंची थीं. फुर्सतगंज एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी. प्रियंका गांधी ने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान संचालन पर है. यही नहीं अमेठी से के एल शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने पर भी उन्होंने कहा कि यह एक दम सही फैसला है. सभी की चॉइस के एल शर्मा ही थे.
हंस कर छिपा गईं अपना गम
बता दें कि प्रियंका गांधी ने हंस कर जवाब दिया तो लेकिन अपना गम छिपा लिया. अमेठी से उनके पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी कई बार चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा चुके थे. रॉबर्ट वाड्रा के अमेठी में कुछ पोस्टर और होर्डिंग्स भी लगे थे. यही नहीं रॉबर्ट खुद अपने बयानों में इस बात से इनकार नहीं करते थे कि वह चुनाव नहीं लडे़ंगे. ऐसे में न तो रॉबर्ट और न ही प्रियंका दोनों को ही कांग्रेस ने फिलहाल मौका नहीं दिया है.
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क्या वंशवाद का डर
दरअसल प्रियंका गांधी के चुनाव न लड़ने के पीछे उनकी व्यक्तिगत इच्छा भी हो सकता है. हो सकता है कि उन्हें फिलहाल अपनी तैयारी पूरी न लगती है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि कांग्रेस ने उन्हें जानबूझकर टिकट नहीं दिया है. दरअसल गांधी परिवार को फिलहाल दो सदस्य सदन में हैं. सोनिया गांधी राज्यसभा से वहीं राहुल गांधी लोकसभा से. राहुल गांधी दोबारा चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच सकते हैं.
ऐसे में अगर प्रियंका भी चुनाव लड़ती और जीततीं तो संसद में गांधी परिवार के तीन सदस्य हो जाते. ऐसे में पार्टी पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप एक बार फिर मुखर हो जाता है. इस मुद्दे को चुनाव से पहले ही बीजेपी जमकर उछाल सकती है. लिहाजा पार्टी नहीं चाहती है कि उस पर वंशवाद का आरोप लगे.
अब भी है यहां से उम्मीद
प्रियंका गांधी के डेब्यू को लेकर अब भी मौका है. दरअसल कहा जा रहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. केरल का वायनाड जहां से वह मौजूदा सांसद भी हैं और दूसरा रायबरेली. इन दोनों ही सीट पर कांग्रेस मानकर चल रही है कि राहुल गांधी जीत सकते हैं. दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद उन्हें एक सीट छोड़ना होगी. ऐसे में जो सीट खाली होगी कांग्रेस वहां से प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतार सकती है.
Source : News Nation Bureau