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क्‍या होगा कल, आएगा तो मोदी ही या फिर 23 मई भाजपा गई

लोकसभा (Lok Sabha Election results) चुनाव (election results 2019) की मतगणना (election results) का पल-पल का अपडेट सिर्फ www.newsstate.com पर

Updated on: 22 May 2019, 10:32 AM

highlights

  • एग्‍जिट पोल के नतीजों से उत्‍साहित हैं एनडीए के नेता 
  • कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी दल खारिज कर रहे एग्‍जिट पोल को 
  • बीजेपी की सीटों के बढ़ने के दावे से सहमत नहीं है कांग्रेस

नई दिल्‍ली:

लोकसभा (Lok Sabha Election results) चुनाव (election results 2019) की मतगणना (election results) शुरू होने में अब 24 घंटे से भी कम का समय रह गया है. सभी को इंतजार है काउंटिंग (chunav results) शुरू होने और रुझान (today election rseults) आने का. नेताओं की धुकधुकी के बीच सभी के अपने-अपने दावे हैं. अपने-अपने हिसाब से सभी जीत रहे हैं. काउंटिंग (chunav results) से पहले कोई नहीं हार रहा है. एग्‍जिट पोल (lok sabha election 2019) एनडीए की सरकार बनवा रहे हैं तो कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल एग्‍जिट पोल को मनोरंजन पोल (general election 2019) करार दे रहे हैं. विपक्ष यह मानने को तैयार नहीं है कि मोदी सरकार (election commission of india) की वापसी हो रही है.

बीजेपी और उसके नेता जहां एग्‍जिट पोल के आंकड़ों को देखकर उत्‍साहित हैं, वहीं कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी दल (2019 lok sabha election results) इसे खारिज कर रहे हैं. उनके अपने दावे हैं. दावे तो बीजेपी के भी हैं और उसके नेताओं का कहना है कि एग्‍जिट पोल (2019 lok sabha election results party wise) से कहीं आगे उनकी सीटों की संख्‍या (lok sabha election 2019 results constituency wise) बढ़ रही है. इन दावों (latest election news) के पीछे दोनों धड़ों के अपने-अपने तर्क भी हैं.

कांग्रेस का मानना है कि 2014 में बीजेपी ने जिन-जिन राज्‍यों में सर्वोच्‍च प्रदर्शन (lok sabha election result 2019) किया था, वहां उसका ग्राफ गिरा है और उसकी सीटें इस बार कम होंगी. यानी कांग्रेस उन राज्‍यों में एंटी इन्‍कमबेंसी फैक्‍टर (lok sabha election results state wise) होने की बात कह रही है. दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि उन राज्‍यों में पार्टी अपना प्रदर्शन बरकरार रखेगी. पार्टी इसके पीछे मोदी लहर या फिर अंडर करंट होने का दावा कर रही है. पार्टी का कहना है कि 2014 में कांग्रेस के खिलाफ जबर्दस्‍त एंटी इन्‍कमबेंसी थी, जबकि इस बार के चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला.

दूसरी ओर, तथाकथित थर्ड फ्रंट के नेता दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस और बीजेपी के मुकाबले उनकी सीटें बढ़ेंगी. उनके भी अपने-अपने दावे हैं. उत्‍तर प्रदेश की बात करें तो सपा और बसपा का कहना है कि महागठबंधन के चलते बीजेपी को भारी नुकसान हो रहा है, क्‍योंकि महागठबंधन होने से दलित-यादव-मुस्‍लिम-जाट के रूप में एक नायाब सोशल इंजीनियरिंग सामने आई है. दूसरी ओर, बीजेपी का मानना है कि भले ही सपा-बसपा-रालोद एक हो गए हों पर उनके वोटरों के दिल नहीं मिल रहे हैं.

इसी तरह बिहार में राजद-कांग्रेस-हम-लोजद-वीआईपी-रालोसपा के रूप में महागठबंधन बना है. इनके नेताओं का दावा है कि पांच दलों का यह महागठबंधन बीजेपी-जदयू-लोजपा के गठबंधन पर भारी पड़ने वाला है. जबकि एनडीए के नेताओं का दावा है कि पांच दलों का गठबंधन बिहार में फीका पड़ रहा है और एग्‍जिट पोल में यह साफ देखा जा सकता है.

कर्नाटक में कांग्रेस और जद एस ने मिलकर चुनाव लड़ा, ताकि बीजेपी विरोधी वोटों के बिखराव को रोका जा सके. हालांकि अब तो यह मतगणना (election commission of india results) के बाद ही पता चल पाएगा कि वोटों का बिखराव रुका या नहीं.

क्‍या मानना है विपक्ष का

  1. या तो मोदी सरकार ईवीएम में बड़ी गड़बड़ी (eciresults.nic.in) कर चुकी है या करने वाली है, इसलिए एग्जिट पोल के जरिए माहौल तैयार किया जा रहा है.
  2. या तो शेयर मार्केट के जरिये पैसा कमाने का खेल है.
  3. एग्जिट पोल करने वाली कंपनियों को पैसे के जरिए मैनेज किया गया है.