चुनाव आयोग ने कहा- पश्चिम बंगाल 'समस्याग्रस्त' राज्य, इसलिए 7 चरणों में चुनाव

पश्चिम बंगाल के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे ने कहा कि राज्य 'समस्याग्रस्त है इसलिए 7 चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे ने कहा कि राज्य 'समस्याग्रस्त है इसलिए 7 चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं.

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Sunil Chaurasia
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चुनाव आयोग ने कहा- पश्चिम बंगाल 'समस्याग्रस्त' राज्य, इसलिए 7 चरणों में चुनाव

फाइल फोटो - चुनाव आयोग

पश्चिम बंगाल के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे ने सोमवार को कहा कि सभी मतदान केंद्रों को 'संवेदनशील' घोषित करना संभव नहीं है, लेकिन राज्य 'समस्याग्रस्त (प्रॉब्लेमेटिक)' है इसलिए यहां सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. दुबे ने यहां सर्वदलीय बैठक आयोजित की और बाद में कहा कि वह विचार-विमर्श से संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि अधिकतर नेता ज्यादा पेट्रोलिंग चाहते हैं और अधिकतर पार्टियों ने उनसे चुनाव साफ-सुथरे ढंग से करवाने का आग्रह किया.

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विपक्षी पार्टियों के बंगाल को संवेदनशील घोषित करने की मांग पर विवेक दुबे ने कहा, 'सभी बूथों को संवेदनशील घोषित नहीं किया जा सकता. कुछ संवेदनशील होंगे, कुछ अति संवेदनशील होंगे और कुछ निश्चित आधार पर ये वर्गीकरण किए जाते हैं.'

पश्चिम बंगाल के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक ने यहां सात चरणों में चुनाव कराए जाने के बारे में कहा कि चुनाव आयोग जानता था कि पश्चिम बंगाल एक समस्याग्रस्त राज्य है. इसके अलावा राज्य को और ज्यादा बलों की जरूरत है. उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का उदाहरण दिया, जहां चुनाव एक चरण में होंगे.

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राजनीतिक बैठकों में दिखे पुलिस अधिकारियों के मुद्दे और मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की निष्पक्षता के बारे में राजनीतिक पार्टियों की ओर से उठ रही शिकायतों पर उन्होंने कहा, 'मैंने समुचित सबूत के साथ पार्टियों को शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा है और मैं इसे देखूंगा.' दुबे मंगलवार को पहले दो चरणों की चुनाव तैयारियों का जायजा लेने के लिए सिलीगुड़ी जाएंगे.

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गौरतलब है कि प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने पश्चिम बंगाल को अति संवेदनशील राज्य घोषित करने की मांग की थी. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की अगुवाई में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग से मिला था. बीजेपी ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के हिंसा के इतिहास को देखते हुए 2019 चुनाव के लिए राज्य को अति संवेदनशील घोषित कर दिया जाना चाहिए. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने भी निर्वाचन आयोग से राज्य के सभी 77 हजार लोकसभा मतदान केंद्रों को 'संवेदनशील' घोषित करने और यहां पर्याप्त संख्या में केंद्रीय सशस्त्र बल तैनात करने का आग्रह किया था.

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Source : IANS

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