पीएम मोदी के खिलाफ तेज बहादुर हुए आक्रामक, कहा लड़ाई जवान, किसान, बेरोजगारी के मुद्दे पर

नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था.

नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था.

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Vineeta Mandal
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पीएम मोदी के खिलाफ तेज बहादुर हुए आक्रामक, कहा लड़ाई जवान, किसान, बेरोजगारी के मुद्दे पर

Tej bahadur (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को सोमवार को वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इससे पहले तेजबहादुर पीएम मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. सपा के ऐलान के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए तेजबहादुर यादव ने कहा कि अब लोगों को पहचानना होगा कि देश का असली चौकीदार कौन है. उन्होंने कहा है, 'हमारे मुद्दे नौजवान के लिए जवान, किसान और रोजगार से संबंधित हैं. लोगों को यह पहचानना चाहिए कि राष्ट्र का असली चौकीदार कौन है. मुझे जीत का पूरा भरोसा है.

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बता दें कि इससे पहले सपा ने इस सीट पर शालिनी यादव को टिकट दिया था. लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने तेज बहादुर को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. हालांकि टिकट कटने को लेकर शालिनी यादव ने कुछ नहीं कहा. लेकिन उन्होंने बस इतना कहा कि अगर सपा प्रमुख कहेंगे तो वह अपना नामांकन वापस ले लेंगी. लेकिन अगर पार्टी की तरफ से नहीं कहा जाता तो वह अपना नामांकन वापस नहीं लेंगी और समाजवादी पार्टी की ओर से लड़ेंगी.

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गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था. यादव ने कुछ विडियो पोस्ट किए थे, जिनमें सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे. वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है.

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी. इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया. बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते. इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.

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19 अप्रैल को तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया. उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी. बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नामक एक एनजीओ बनाया, और अब वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है, और मतों की गिनती 23 मई को होगी.

Source : News Nation Bureau

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