ग्वालियर: चुनाव प्रचार से मिली फुर्सत तो दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों ने जाना एक-दूसरे का हालचाल

चुनाव के मैदान में लड़ाई केवल मुद्दों की होती है, ये बातें तो कई नेताओं से सुनी है. लेकिन इसकी वास्तविक तस्वीर ग्वालियर में देखने को मिली है.

चुनाव के मैदान में लड़ाई केवल मुद्दों की होती है, ये बातें तो कई नेताओं से सुनी है. लेकिन इसकी वास्तविक तस्वीर ग्वालियर में देखने को मिली है.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
ग्वालियर: चुनाव प्रचार से मिली फुर्सत तो दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों ने जाना एक-दूसरे का हालचाल

चुनाव के मैदान में लड़ाई केवल मुद्दों की होती है, ये बातें तो कई नेताओं से सुनी है. लेकिन इसकी वास्तविक तस्वीर ग्वालियर (Gwalior) में देखने को मिली है. ग्वालियर लोकसभा से बीजेपी के प्रत्याशी विवेक शेजवलकर कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक सिंह के घर पहुंचे. करीब दोनों नेताओं ने 15 मिनट बैठकर एक दूसरे के साथ चर्चा की और चाय पी. इस दौरान दोनों के बीच काफी बातचीत हुई.

Advertisment

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश: आखिरी चरण में 8 सीटों पर इन दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला

दरअसल, बीजेपी (BJP) के प्रत्याशी विवेक शेजवलकर शहर में अपने कार्यकर्ताओं से चर्चा करने गए थे और उसके बाद लौटते समय गांधी रोड पर बने अशोक सिंह के आवास पर मिलने पहुंच गए. विवेक शेजवलकर को वहां आता देख लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही अशोक सिंह उनके पास पहुंचे. इस बीच दोनों ने शांतिपूर्ण मतदान होने पर एक दूसरे को बधाई दी. इस पूरी सकारात्मक तस्वीर की पहल एक दूसरे ने की.

इस दौरान बीजेपी के विवेक शेजवलकर ने अशोक सिंह से पूछा कि मेहनत ज्यादा हो गई सुना है, आपका वजन कम हो गया. तो इसके जवाब में अशोक सिंह बोले कि हां वजन तो कम हो गया सुना है, आपका कम नहीं हुआ. इस पर विवेक शेजवलकर बोले कि मेरा पहले से ही कम है.

यह भी पढ़ें- केंद्र में गठबंधन सरकार की संभावनाएं तलाशने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ को

ग्वालियर लोकसभा की सीट पर बीजेपी ने विवेक शेजवलकर का प्रचार किस तरह किया कि 'आदमी तो भला है.' वहीं कांग्रेस (Congress) नेताओं ने कहा कि अशोक सिंह कौन सा बुरा है. यही सोच दोनों प्रत्याशियों को नजदीक लाती है. दोनों ही नेताओं का कहना है तीन पीढ़ियों से एक दूसरे के पारिवारिक संबंध रहे हैं.

पहले इन दोनों प्रत्याशियों के पिता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन चुनाव के बाद साथ साथ बैठना और चर्चा करना भी लोगों ने देखा है. विवेक शेजवलकर के पिता नारायण कृष्ण शेजवलकर ग्वालियर में महापौर और सांसद रहे हैं. जबकि अशोक सिंह के पिता राजेंद्र सिंह विधायक और प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे. यह तस्वीर भले ही एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े प्रत्याशियों की हो. लेकिन लोकतंत्र की सकारात्मक सोच दर्शाती है.

यह वीडियो देखें- 

madhya-pradesh Gwalior 7th phase voting Gwalior voting Gwalior election Vivek Shejwalkar bjp ashok singh congress
      
Advertisment