अलका लांबा और सौरभ भारद्वाज के बीच मंगलवार को ट्विटर पर खूब जुबानी जंग देखने को मिली. यह जुबानी जंग मंगलवार को कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद देखने को मिली. अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर सवाल खड़ा कर दिया. उनके ऐसा करते ही आप विधायक सौरभ भारद्वाज के साथ ट्विटर पर जंग छिड़ गई.
अलका लांबा ने कहा कि हर पार्टी का अपना घोषणा पत्र होता है, कांग्रेस के घोषणा पत्र में पॉन्डिचेरी को तो पूर्ण राज्य देने की बात है, पर दिल्ली को लेकर कोई बात नही है, साफ है कि कांग्रेस के लिये अब दिल्ली-पूर्ण राज्य मुद्दा नही रहा. वहीं आप इसी मुद्दों को अपना प्रमुख मुद्दा बना रही है. अलका ने गठबंधन पर सवाल किया है. उन्होंने आगे लिखा कि गठबंधन कैसे होगा? अलका के इस ट्वीट पर सौरभ भारद्वाज ने लिखा कि आप क्या चाहती हैं? पूर्ण राज्य या.....
अलका ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मेरी जनता मुझे बखूबी जानती है, 2020 आने पर पूरा 5 साल का जवाब-हिसाब और क्या सोचती हूं सब बता दूंगी. दूसरी बात मैं आप से उलट सोचती हूं, जनता से अधिक नेता को पता होना चाहिए कि उसकी जनता क्या सोचती और चाहती है. नेता को वही करना चाहिए, नाकि जनता पर अपनी थोपनी चाहिए. वहीं सौरभ भारद्वाज ने लिखा कि जनता को पता होना चाहिए उनका नेता क्या चाहता है, तभी तो जनता अपने नेता के बारे में तय करेगी.
अलका ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि मेरी जनता बेहतर शिक्षा, स्वास्थ, सीवर, पानी, बिजली, प्रदूषण रहित दिल्ली, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था, सुरक्षा-सम्मान के साथ चाहती है कि उनका नेता उनके सुख दुःख में उनके साथ खड़ा रहे, ऐसा कोई वायदा ना करें जो वह पूरा ना कर सके. जनता पहले ही बहुत धोखे खा चुकी है अब और धोखे नही खाना चाहती. इसपर सौरभ ने फिर लिखा कि चलिए ये ही बता दीजिए नेता जी कि आपकी जनता क्या चाहती है पूर्ण राज्य या.....
सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो शेयर कर लिखा कि नेता जी अपनी दुखी जनता के लिए पूर्ण राज्य मांग रही हैं. तब तक कांग्रेस का घोषणा पत्र नहीं आया था इसलिए नेता जी को जनता का सारा दुःख पता था. इसके जवाब में अलका ने सौरभ का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस वीडियो में केंद्र की मोदी सरकार की नाक़ामियां और पूर्ण राज्य के दर्जे के नाम पर BJP द्वारा दिल्ली वालों को धोखा देने की पोल खोल रही हूं, जब BJP-कांग्रेस नही कर पाई तो मेरी जनता पूछ रही है 7MPs (3RS+4LS)के साथ AAP भी नही कर पाए. अब कैसे? दोनों के बीच चली बहस के बीच सौरभ ने अलका से यहां तक कह दिया कि चलो फिर थोड़ा सा हिम्मत दिखाओ, कल चले जाओ कांग्रेस में. है दम?
जवाब में अलका ने कहा कि छोटे भाई, धोखा मत दो बड़ी बहन को, यह आदत अब बदल लो, वचन दिया है, अब कल 3 बजे, जामा मस्जिद गेट नंबर 1 पर पहुंच जाना. थूक कर चाटने की आदत तो भाजपाइयों की है, आप को यह शोभा नही देता. कल मुझे छोटे भाई सौरव का इंतज़ार रहेगा. शुभ रात्रि. जय हिंद !!! अलका लांबा पहले भी कई बार विवादों में रही हैं. कुछ समय पहले दिल्ली सरकार की ओर से राजीव गांधी को भारत रत्न वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पर खुलकर विरोध किया था.