कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्याय योजना पर टिप्पणी कर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार मुश्किल में पड़ गए हैं. चुनाव आयोग इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई कर सकता है. चुनाव आयोग ने उनसे इस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इसे चुनावी घोषणा बताते हुए कहा था कि इससे वित्तीय घाटा बढ़ेगा. सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग ने राजीव कुमार की प्रतिक्रिया को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना है और इस पर संज्ञान लिया है. इसे आचार संहिता का उल्लंघन इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वे कार्यपालिका के अधिकारी हैं.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा था, '2008 में चिदंबरम वित्तीय घाटे को 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी तक ले गए. यह घोषणा उसी पैटर्न पर आगे बढ़ने जैसा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके प्रभाव की चिंता किए बिना घोषणा कर दी है. अगर यह स्कीम लागू होती है तो हम चार कदम और पीछे चले जाएंगे.'
चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारी इसे दूसरी तरह से देख रहे हैं. उनका मानना है कि यह एक राजनीतिक दल के दूसरे दल पर टिप्पणी का मामला नहीं है. इसलिए इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है.
Source : News Nation Bureau