मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक किशोर समरीते ने महंगे होते चुनाव और अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से आर्थिक मदद करने और अपना गुर्दा बेचने देने की अनुमति मांगी है.
समरीते ने बालाघाट के जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा है, 'लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए अधिकतम व्यय सीमा 75 लाख रुपये है, मगर मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए इतनी धनराशि नहीं है. वहीं, दूसरे उम्मीदवारों की संपत्ति हजारों करोड़ के आसपास है. इसके साथ ही चुनाव प्रचार की अवधि में महज 15 दिन शेष हैं, इस अवधि में जन सहयोग से राशि जुटाना संभव नहीं है.'
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समरीते ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि आयोग 75 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराए और बैंक से उक्त राशि बतौर कर्ज दिलाने में मदद करें. यह दोनों ही संभव नहीं हो तो उसे अपने दो में से एक गुर्दा बेचने की अनुमति दें. पूर्व में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके समरीते का कहना है कि वे 10 सालों बाद निर्वाचन प्रक्रिया में सम्मिलित हो रहे हैं. आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है, लिहाजा चुनाव आयोग उनकी मदद करे और गुर्दा बेचने की अनुमति प्रदान करें.
समरीते ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, 'चुनाव प्रक्रिया महंगी होती जा रही है, इस स्थिति में कमजोर वर्ग के व्यक्ति के लिए तो चुनाव लड़ना बड़ा मुश्किल काम हो चला है. लिहाजा चुनाव आयोग को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे आम आदमी के लिए चुनाव लड़ना आसान हो.'
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गुर्दा बेचने के सवाल पर समरीते का कहना है कि आज चुनाव लड़ने के लिए उनके पास रुपये नहीं है, कोई मदद करने की स्थिति में भी नहीं है. इस समय उनके पास एक ही विकल्प है और वह है अपना गुर्दा बेचकर आर्थिक इंतजाम करना.
Source : News Nation Bureau