क्रिमिनल ऑफेंस पर बरगला रही कांग्रेस, जानकार तो कुछ और ही कह रहे

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज न अदा कर पाने को क्रिमिनल ऑफेंस खत्म करने की बात कही है और उसे सिविल ऑफेंस के दायरे में लाने की बात कही है

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Dhirendra Kumar
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क्रिमिनल ऑफेंस पर बरगला रही कांग्रेस, जानकार तो कुछ और ही कह रहे

फाइल फोटो

कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज न अदा कर पाने को क्रिमिनल ऑफेंस खत्म करने की बात कही है और उसे सिविल ऑफेंस के दायरे में लाने की बात कही है. जो कि पूरी तरह से सही नहीं है. जानकार कांग्रेस के इस घोषणा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. पहले भी क्रिमिनल ऑफेंस उन्हीं पर लगाया जाता था जो कि पैसा होते हुए भी लोन नहीं जमा करते थे.

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बैंकिंग एक्सपर्ट सुनील गुप्ता के मुताबिक कांग्रेस की यह घोषणा पूरी तरह से सही नहीं है. उनका कहना है कि सभी तरह कर्ज की अदायगी नहीं करने पर उसे सिविल ऑफेंस के दायरे में रखा जाता है. बैंकिंग सिस्टम में कोई भी लोन जिसका रीपेमेंट नहीं किया गया. वह सिविल ऑफेंस की श्रेणी में आएगा. उनका कहना है कि झूठे कागजों के आधार पर लिया गया लोन, फिर वो चाहे किसान के द्वारा लिया गया हो, या किसी भी आम आदमी के द्वारा लिया गया हो फ्रॉड की श्रेणी में आता है. ऐसी स्थिति में दोनों पर क्रिमिनल ऑफेंस का चार्ज लगेगा.

गुप्ता के मुताबिक बैंक रिकवरी नहीं कर पाने की स्थिति में डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल और 'द सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड इनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट 2002' यानि SARFAESI Act के पास मामले को ले जाता है. उनका कहना है कि किसानों से जुड़े मामलों को डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल और SARFAESI Act से छूट मिली हुई है. गुप्ता का कहना है कि सिविल ऑफेंस में प्रापर्टी को जब्त करना और रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) शामिल हैं. मान लीजिए किसी किसान ने जमीन के बदले लोन लिया और पैसा नहीं चुका पाया तो रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर बैंक तहसीलदार के जरिए जमीन की बिक्री कर पैसा वापस पा सकता है.

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बैंकिंग एक्सपर्ट और ओबीसी बैंक के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस सी सिन्हा के मुताबिक किसानों और आमआदमी के लिए बैंकों का रिकवरी सिस्टम सामान्तया सिविल ऑफेंस में आता है. क्रिमिनल ऑफेंस तब बनता है जब पैसे का इस्तेमाल दी गई जानकारी के विपरीत किया जाए. या जिस उद्देश्य के लिए पैसा लिया उसका इस्तेमाल नहीं किया गया हो. उनका कहना है कि अगर कोई विल्फुल डिफॉल्टर है मतलब आपके पैसा है और आप देना नहीं चाहते तो यह क्रिमिनल ऑफेंस के दायरे में आएगा. सिन्हा ने कहा कि मान लीजिए आपके पास ट्रैक्टर है और झूठे कागजात देकर आपने दोबारा ट्रैक्टर लेने के लिए लोन लिया और उस पैसे का इस्तेमाल कहीं और कर लिया गया तो यह क्रिमिनल ऑफेंस के दायरे में आएगा. 

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मंगलवार को लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी पार्टी ने सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की मौजूदगी में पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया गया था. घोषणापत्र का नाम जन आवाज 2019 रखा गया है और इसकी टैगलाइन 'हम निभाएंगे' रखी गई है. राहुल गांधी ने 2019 के लिए पांच योजनाओं की घोषणा की है, जिसे उन्होंने 'पंजा' बताया है. राहुल ने अपने घोषणा के जरिए किसान, नौजवान, रोजगार और गरीबों को साधने की कवायद की है. राहुल गांधी ने किसानों को साधने के लिए अपने घोषणा पत्र में बड़ा वादा किया है. किसानों के लिए अलग से बजट होगा. राहुल ने कहा कि देश के किसानों का अपना अलग बजट आएगा, ताकि किसानों को पता चल सके कि उनके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. उन्होंने किसानों के कर्ज न अदा कर पाने की स्थिति में जो क्रिमिनल ऑफेंस माना जाता था, उसे वो खत्म करेंगे. इसकी जगह किसानों के कर्ज अदा न कर पाने के लिए सिविल ऑफेंस माना जाएगा.

Source : News Nation Bureau

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