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बिहार के लोगों के नाम तेजस्वी ने लिखा पत्र, जेडीयू ने बदले में लिखा जवाबी लेटर

इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है.

Updated on: 12 May 2019, 05:38 PM

highlights

  • बिहार के लोगों के नाम तेजस्वी ने लिखा खत
  • जेडीयू ने लिखा जवाबी खत 
  • तेजस्वी पर जेडीयू ने साधा निशाना

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में रविवार को बिहार की आठ सीटों पर मतदान हो रहा है. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. इधर, सत्तारूढ़ जद (यू) ने भी इस पत्र के जवाब में बिहारवासियों को पत्र लिखकर तेजस्वी पर कटाक्ष किया है. तेजस्वी ने बिहारवासियों के नाम लिखे पत्र में जेल में बंद अपने पिता लालू प्रसाद के लिए खेद जताते हुए कहा है कि उन्हें साजिशन इस चुनाव में प्रचार से दूर रखा गया. उन्होंने बिहार की जनता का पिता की अनुपस्थिति में उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद करते हुए राजद के लिए वोट की अपील भी की है.

साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ाई अभी जारी है

तेजस्वी ने अपने पत्र में बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर केंद्र सरकार और उसकी नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि साम्प्रदायिक ताकतों से उनकी लड़ाई अभी भी जारी है.

उन्होंने लिखा है, 'एक नया बिहार बनाने में आपने जो बढ़-चढ़ कर मेरा साथ दिया है, उससे मुझे भी शक्ति मिली है कि अपनी हर एक सांस को बिहार की सेवा के लिए समर्पित करूं. हर उस इंसान के दुख दर्द को दूर करूं, जो नीतीश-मोदी राज के नकारेपन का शिकार हुआ है.'

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इस पत्र को उन्होंने ट्विटर पर भी साझा किया है.

तेजस्वी ने कहा, 'हम सब साथ मिलकर इस अन्यायी सत्ता को जड़ से उखाड़ेंगे, अत्याचारी अन्धेरे को घर में घुसकर हटाएंगे, पर हिंसा से 'तीर' चलाकर नहीं, प्यार से 'लालटेन' जलाकर.' उन्होंने लोगों को राजद को जिताने की अपील की.

तेजस्वी के खत के जवाब में जेडीयू प्रवक्ता नीरज ने लिखा पलटवार पत्र

तेजस्वी के इस पत्र के कुछ ही देर बाद जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी बिहार के लोगों के नाम पत्र लिखकर तेजस्वी पर निशाना साधा.

नीरज ने पत्र में कटाक्ष करते हुए तेजस्वी को अनुकंपा की राजनीति करने वाला बताते हुए कहा कि परिवारवाद की राजनीति करने वाले अनुकंपा पर राजनीति में आए नेता अब बिहार के लोगों को पत्र लिख रहे हैं, परंतु इस पत्र में भी अपनी 'लालटेन' की लौ से 'हाथ', 'पंखा', 'नौका' को लगता है 'जला' दिए हैं. यही कारण है कि पत्र में वह केवल अपनी ही पार्टी राजद को विजयी बनाने की अपील कर रहे हैं. महागठबंधन के अन्य दलों को भूल गए.

उन्होंने पत्र में लिखा है, 'बिहार की महान जनता आप सबों को बिजली मिल रही होगी, इस कारण लालटेन की जरूरत समाप्त हो गई है. वैसे भी लालटेन बिहार के लिए भ्रष्टाचार, उन्माद, अवैध संपत्ति का प्रतीक बनकर रह गई है.'

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उन्होंने आगे लिखा है, 'इमानदारी की 'झोपड़ी' में रहकर वीर पुरुष 'तीर' थामे 'कमल' खिलाने को आतुर है, परंतु अवैध तरीके से अर्जित भवनों में तो दम घुटता है. अनुकंपा की राजनीति करने वालों को चारा घोटाले में सजा काट रहे अपने पिता जी से यह पूछना चाहिए कि आखिर बिहार में शिक्षण-प्रशिक्षण विद्यालय क्यों बंद करवा दिए थे?'

जेल में जाइए और पिता की सेवा कीजिए

पत्र के माध्यम से नीरज ने सलाह दी है, 'आप जैसे पुत्र को जेल में बंद अपने पिता की सेवा की चिंता करनी चाहिए, क्योंकि मेवा आप खाइएगा तो सेवा कौन करेगा?

उन्होंने आगे कहा है, 'बिहारवासियों देश के नवनिर्माण, भ्रष्टाचारमुक्त देश और राज्य बनाने के लिए एक मजबूत और इमानदार नेता की जरूरत है. मजबूत राष्ट्र और विकसित राष्ट्र की ओर देश बढ़ चला है, अब बिहार के लोग उस 'जंगलराज' को कभी नहीं आने देंगे.'