बिहार में जहां सीटों और चुनाव प्रचार की रणनीति को लेकर महागठबंधन में गांठ पड़ गई है वहीं दूसरी तरफ लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने पिता की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को बड़ा झटका दिया है. बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले तेज प्रताप यादव ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. तेज प्रताप ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, छात्र राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक के पद से मैं इस्तीफा दे रहा हूं. नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं. कौन कितना पानी में है सबकी है खबर मुझे.
गौरतलब है कि इस ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है जिन्हों लालू यादव के जेल में होने की वजह से पार्टी की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है. तेज प्रताप पहले भी यह आरोप लगा चुकें हैं कि पार्टी में उनकी बात कोई नहीं सुनता और न ही दल के फैसले में उनसे कोई राय ली जाती है. चुनाव से पहले तेज प्रताप का पार्टी छोड़ना आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
नाराज थे तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव ने अपने इस फैसले की जानकारी खुद ट्वीट करके दी है. तेज प्रताप यादव आरजेडी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे लेकिन अंतिम वक्त में उन्होंने अपनी पीसी कैंसिल कर दी. तेज प्रताप यादव ने यह संकेत दिया था कि वह अपनी तरफ से जहानाबाद और शिवहर लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेंगे. लेकिन जब उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो यह कयास लगाए जाने लगा कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के दबाव में उन्होंने अपना फैसला बदल लिया है.
छात्र आरजेडी के संरक्षक पद से इस्तीफा देने की जानकारी देते हुए तेज प्रताप यादव ने जो ट्वीट किया है उसमें उन्होंने लिखा है कि जो लोग भी उन्हें नादान समझने की भूल कर रहे वह वाकई खुद नादान हैं. तेज प्रताप के इस कदम के बाद यह साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान लालू परिवार में कल की खाई चौड़ी हो गई है.