एक तरफ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव 2019 के लिए महागठबंधन की घोषणा हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के एक विधायक के विवाद से गठबंधन में विवाद हो सकता है. विधायक हरिओम यादव ने कहा, 'फिरोजाबाद में सपा और बसपा का गठबंधन कारगर नहीं होगा. यहां यह सफल नहीं होगा. यह गठबंधन तभी तक चल सकता है, जब तक हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी बहन जी की हां में हां मिलाते रहेंगे और घुटने टेकते रहेंगे. माना जा रहा है कि विधायक हरिओम यादव के बयान से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट सकता है.'
इससे पहले महागठबंधन की घोषणा के दौरान ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था, बसपा प्रमुख मायावती का अपमान मेरा अपमान होगा. शायद यह बात कहकर अखिलेश यादव को संदेश देने की कोशिश की थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के विधायक के बयान से माना जा रहा है कि गठबंधन को लेकर अपने ही दल में अखिलेश यादव आम सहमति नहीं बना पाए हैं.
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महागठबंधन बनने से समाजवादी पार्टी में कई प्रत्याशियों के टिकट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जिन सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी, वहां के सपा के संभावित प्रत्याशियों को निराशा हो सकती है. लिहाजा कई नेता इसलिए भी बेचैन हैं और महागठबंधन को पचा नहीं पा रहे हैं. दूसरी ओर, अखिलेश यादव का कहना है कि उन्होंने बहुत आगे की सोच को लेकर महागठबंधन किया है. बीजेपी को रोकना अभी जरूरी है और महागठबंधन इस दिशा में बहुत कारगर सिद्ध होगा.
Source : News Nation Bureau