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सांसदों की संपत्ति बढ़ी 41 फीसदी, देश की विकास दर रही 8.2 फीसदी, देखें कहां हुआ विकास

आंकड़े बताते हैं कि सांसदों की संपत्ति पिछले पांच साल में 41 फीसदी तक बढ़ गई है, जबकि पिछले पांच सालों में देश की आर्थिक विकास दर अधिकतम 8.2 फीसदी रही है.

Updated on: 14 May 2019, 09:32 AM

highlights

  • आंकड़े बताते हैं कि सांसदों की संपत्ति पिछले पांच साल में 41 फीसदी तक बढ़ गई है.
  • पिछले पांच सालों में देश की आर्थिक विकास दर अधिकतम 8.2 फीसदी रही है.
  • यही नहीं, लोकसभा चुनाव में 19% यानी 1500 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं.

नई दिल्ली.:

अजीब विडंबना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के विकास पर दावों को लेकर कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष अंगुली उठाते हुए पूछ रहा है कि बताएं कहां हुआ है विकास? हालांकि अगर वह अपने ही आसपास बैठे साथियों पर गौर कर लेते, तो कम से कम यह तो नहीं कहते कि विकास हुआ ही नहीं. आंकड़े बताते हैं कि सांसदों की संपत्ति पिछले पांच साल में 41 फीसदी तक बढ़ गई है. रोचक बात है कि सांसदों का यह 'विकास' पार्टी लाइन से परे हुआ है. यानी सभी राजनीतिक दलों के सांसदों की संपत्ति में इजाफा हुआ है.

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देश की आर्थिक विकास दर से पांच गुना बढ़ी सांसदों की संपत्ति
एक और रोचक पहलू यह भी है कि पिछले पांच सालों में देश की आर्थिक विकास दर अधिकतम 8.2 फीसदी रही है. यानी सांसदों का 'विकास' लगभग पांच गुनी रफ्तार से हुआ है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव लड़ रहे 338 में से 335 मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति 23.65 करोड़ रुपये है. 2014 में यह आंकड़ा 16.79 करोड़ रुपये था. यानी पांच साल में सांसदों की औसत संपत्ति 6.86 करोड़ रुपये बढ़ी है.

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29 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति
एडीआर ने 17वीं लोकसभा चुनाव के 8,049 में से 7928 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है. इनमें 29% की संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है. भाजपा के 79%, कांग्रेस के 71 % उम्मीदवार करोड़पति हैं. बसपा के 17 और सपा के आठ प्रत्याशी करोड़पति हैं.

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1500 दागी उम्मीदवार मैदान में
लोकसभा चुनाव में 19% यानी 1500 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं. 2014 में 17% यानी 1404 प्रत्याशियों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी. 1070 उम्मीदवारों पर दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर केस दर्ज हैं. 2014 में 8205 उम्मीदवारों में 908 यानी 11% पर ऐसे केस थे. भाजपा ने 175 तो कांग्रेस ने 164 दागी उम्मीदवार उतारे हैं. बसपा ने 85 दागियों को टिकट दिया है.