पीएम नरेंद्र मोदी की राजीव गांधी पर टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा है. इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के करीब 200 टीचरों ने एक पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की इस टिप्पणी पर सवाल उठा दिए तो जवाब में इसी यूनिवर्सिटी के ही शिक्षकों का एक और गुट पीएम के समर्थन में चिट्ठी लेकर आ गया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के 200 शिक्षकों की ये चिट्ठी कांग्रेस के रणनीतिकार सैम पित्रोदा ने जारी की है. इस चिट्ठी के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) जैसे महान व्यक्ति की आलोचना करके बेहद गलत किया है. हालांकि हस्ताक्षर अभियान चलाने वाले शिक्षक नेता खुद मान रहे हैं कि राजनीति से परे कुछ भी नहीं है, और वो खुद कांग्रेस के समर्थक हैं.
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इसके जवाब में एक चिट्ठी बीजेपी (BJP) के समर्थन में भी आ गई है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही शिक्षकों के नाम के साथ इस चिट्ठी में सवाल उठाए गए हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि इस चिट्ठी की बदौलत वो मोदी के खिलाफ माहौल बना लेगी, दूसरी तरफ बीजेपी मोदी के बयान को सौ फीसदी सही ठहरा रही है.
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दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचरों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर एक सार्वजनिक बयान जारी करके इसे ‘अपमानजनक एवं असत्य’ बताया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के राफेल मुद्दे पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपके पिता को उनके सहयोगी ‘मिस्टर क्लीन’ कहते थे, लेकिन उनके जीवन का अंत ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ के रूप में हुआ.
डीयू (DU) के शिक्षकों ने पीएम मोदी के इस बयान पर कहा कि नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी के बारे में अपमानजनक एवं असत्य टिप्पणी करके प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम किया है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. बयान में कहा गया है कि राष्ट्र, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उपलब्धियों की प्रशंसा करता है. इसमें करगिल हमले में बोफोर्स तोपों के इस्तेमाल के समय जवानों की प्रसन्नता एवं संचार क्रांति का उल्लेख करके इसका श्रेय राजीव गांधी को दिया गया है. इस बयान पर दिल्ली यूनीवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा एवं अन्य लोगों के हस्ताक्षर हैं.
HIGHLIGHTS
- पीएम की राजीव गांधी पर टिप्पणी को लेकर मचा घमासान
- कांग्रेस के रणनीतिकार सैम पित्रोदा ने जारी की शिक्षकों की चिट्ठी
- दूसरे गुट ने पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में जारी किया पत्र
Source : News Nation Bureau
सियासत में DU के टीचरों की एंट्री, पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर दो गुटों में Letter War
पीएम नरेंद्र मोदी की राजीव गांधी पर टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा है.
पीएम नरेंद्र मोदी की राजीव गांधी पर टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा है.
कांग्रेस के रणनीतिकार सैम पित्रोदा (फाइल फोटो)
पीएम नरेंद्र मोदी की राजीव गांधी पर टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा है. इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के करीब 200 टीचरों ने एक पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की इस टिप्पणी पर सवाल उठा दिए तो जवाब में इसी यूनिवर्सिटी के ही शिक्षकों का एक और गुट पीएम के समर्थन में चिट्ठी लेकर आ गया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के 200 शिक्षकों की ये चिट्ठी कांग्रेस के रणनीतिकार सैम पित्रोदा ने जारी की है. इस चिट्ठी के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) जैसे महान व्यक्ति की आलोचना करके बेहद गलत किया है. हालांकि हस्ताक्षर अभियान चलाने वाले शिक्षक नेता खुद मान रहे हैं कि राजनीति से परे कुछ भी नहीं है, और वो खुद कांग्रेस के समर्थक हैं.
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इसके जवाब में एक चिट्ठी बीजेपी (BJP) के समर्थन में भी आ गई है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही शिक्षकों के नाम के साथ इस चिट्ठी में सवाल उठाए गए हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि इस चिट्ठी की बदौलत वो मोदी के खिलाफ माहौल बना लेगी, दूसरी तरफ बीजेपी मोदी के बयान को सौ फीसदी सही ठहरा रही है.
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दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचरों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर एक सार्वजनिक बयान जारी करके इसे ‘अपमानजनक एवं असत्य’ बताया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के राफेल मुद्दे पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपके पिता को उनके सहयोगी ‘मिस्टर क्लीन’ कहते थे, लेकिन उनके जीवन का अंत ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ के रूप में हुआ.
डीयू (DU) के शिक्षकों ने पीएम मोदी के इस बयान पर कहा कि नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी के बारे में अपमानजनक एवं असत्य टिप्पणी करके प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम किया है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. बयान में कहा गया है कि राष्ट्र, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उपलब्धियों की प्रशंसा करता है. इसमें करगिल हमले में बोफोर्स तोपों के इस्तेमाल के समय जवानों की प्रसन्नता एवं संचार क्रांति का उल्लेख करके इसका श्रेय राजीव गांधी को दिया गया है. इस बयान पर दिल्ली यूनीवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा एवं अन्य लोगों के हस्ताक्षर हैं.
HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau