सोशल मीडिया पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की अफवाह, RLD ने जारी किया ये पत्र

आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक पत्र जारी कर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में RLD का सपा (समाजवादी पार्टी) और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के साथ ही गठबंधन होगा.

आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक पत्र जारी कर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में RLD का सपा (समाजवादी पार्टी) और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के साथ ही गठबंधन होगा.

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Deepak Pandey
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सोशल मीडिया पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की अफवाह, RLD ने जारी किया ये पत्र

रालोद नेता जयंत चौधरी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में गठबंधन की सरगर्मियां तेज हैं. प्रदेश में गठबंधन का दौर चल रहा है. सपा-बसपा और कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के बाद अन्य दलों पर सबकी निकाहें टिकी हुई हैं. चर्चा है कि राष्ट्रीय लोकदल (RLD) कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेगा. इस बीच आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक पत्र जारी कर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में RLD का सपा (समाजवादी पार्टी) और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के साथ ही गठबंधन होगा.

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RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी सिंह ने पत्र जारी कर कहा कि RLD बीजेपी सरकार के किसान, युवा, दलित विरोधी नीतियों के विरोध में सपा-बसपा के साथ काम कर रहा है. उन्होंने आगे कहा, सपा-बसपा के साथ गठबंधन करके ही मजबूत राजनीतिक विकल्प तैयार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा कि RLD कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रहा है, लेकिन यह गलत है. RLD सपा-बसपा के गठबंधन का हिस्सा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित चौधरी ने अपने कार्यकर्ताओं को पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि वह गठबंधन के लिए जनता के बीच जाकर समर्थन मांगे. उनका कहना है कि देश को प्रगतिशील बनाने के लिए राष्ट्रीय लोकदल भविष्य में भी सपा और बसपा के साथ ही रहेगा.

गौरतलब है कि 12 जनवरी को दोनों पार्टियों के प्रमुख अखिलेश यादव और मायावती ने राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन का सार्वजनिक ऐलान किया था. घोषणा के मुताबिक, दोनों ही पार्टियां 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. इस घोषणा के बाद से ही विरोधी सवाल खड़े कर रहे हैं कि जो एसपी-बीएसपी बीते ढाई दशक से दूसरे की दुश्मन बनी हुई थी वो एक साथ कैसे आ गई है. बता दें कि 1992 में भी मुलायम सिंह के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का गठबंधन बीएसपी से हुआ था, लेकिन साल 1995 में लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड ने दोनों पार्टियों के बीच दुश्मनी की ऐसी दीवार बनाई जिसे टूटने में करीब 25 साल लग गए.

Source : News Nation Bureau

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