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Rahul Gandhi Exclusive: RSS पर जमकर बरसे राहुल गांधी, कहा- प्रचार का साधन है संघ

हमारी आइडियोलॉजी हिंदुस्तान को सुनकर बनती है. हमारी पार्टी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उसे आप लेफ्ट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने 10-15 साल बाद उदारीकरण किया. उसे आप राइट ऑफ सेंटर कह सकते हैं.

Updated on: 13 May 2019, 09:04 PM

नई दिल्ली:

न्यूज स्टेट का सवाल- मोदीजी तो बार-बार यही कहते हैं कि आपके परिवार ने, कांग्रेस पार्टी ने तमाम संस्थानों को शुरू से ही ध्वस्त कर रखा था. वह तो बचा रहे हैं?

राहुल गांधी का जवाब- कांग्रेस पार्टी ने कभी भी आरबीआई को परे नहीं किया. कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में कभी भी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने पहली बार आकर बाहर नहीं कहा कि कोई न कोई शक्ति काम नहीं करने दे रही. किसका नाम लिया? कौन सी शक्ति थी? किसका नाम लिया? जज लोया का नाम लिया? शक्ति तो क्लीयर है. शक्ति नरेंद्र मोदी थी. प्लानिंग कमीशन को नहीं छोड़ा. इलेक्शन कमीशन पर आक्रमण किया. आरबीआई पर आक्रमण किया. कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं किया. कांग्रेस अगर करना भी चाहे तो नहीं कर सकती. क्योंकि कांग्रेस का जो सिस्टम है वह आरएसएस के डिजाइन का नहीं. कांग्रेस का सिस्टम कंट्रोल का नहीं है. कांग्रेस सुनती है और सुनकर काम करती है. आरएसएस बोलती है. आरएसएस प्रचार का इंस्ट्रुमेंट है. आरएसएस सोचती नहीं है, आरएसएस बस बोलती है. आरएसएस एम्पलीफायर है. उनकी विचारधारा का एम्प्लीफायर है.

राहुल गांधी ने न्यूज स्टेट के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ''हमारी आइडियोलॉजी हिंदुस्तान को सुनकर बनती है. हमारी पार्टी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उसे आप लेफ्ट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने 10-15 साल बाद उदारीकरण किया. उसे आप राइट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने मनरेगा दिया. उसी पार्टी ने जीएसटी की बात की. तो कांग्रेस पार्टी प्रैग्मेटकली सुनकर काम करती है. जो देश कह रहा है उसका इस्तेमाल कर सरकार चलाते हैं. हमारा लाइन ऑफ थॉट यह है कि हिंदुस्तान की आवाज सुनकर सरकार चलाना है. कांग्रेस की सेंट्रल रिजिड आइडियोलॉजी नहीं है. अगर हमें लगता है कि हिंदुस्तान के किसान मदद चाहते हैं, तो हम करने वाले हैं. हम हिंदुस्तान की आवाज को दबाने के खिलाफ हैं. जब आरएसएस जैसा संगठन हिंदुस्तान की संस्थाओं पर आक्रमण करता है.''

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''जब नरेंद्र मोदीजी ने आरबीआई गवर्नर से बगैर पूछे 500 और 1000 रुपए का नोट बंद कर दिया तो उन्होंने हिंदुस्तान की आवाज नहीं सुनी. हिंदुस्तान की आवाज ने कहा कि वित्तीय मामलों में हम आरबीआई जैसी संस्था को अपना एडवाइजर बनाएंगे. नरेंद्र मोदीजी ने उनको परे कर दिया. कांग्रेस पार्टी ऐसा कभी नहीं करती. कांग्रेस पार्टी ने इंस्टीट्यूशंस बनाए हैं. कांग्रेस पार्टी ने सबसे जरूरी लड़ाई... सबसे जरूरी इंस्टीट्यूशन पार्लियामेंट दिया, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई जो हम लड़े, जो संविधान दिया... देश की जनता की आवाज ने दिया.''