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राहुल गांधी Exclusive Interview : इमरजेंसी, सिख दंगे से लेकर राफेल पर राहुल गांधी ने दिया बेबाक जवाब

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूज स्टेट से बातचीत करते हुए 84 से लेकर राफेल तक की बातें की हैं.

Updated on: 13 May 2019, 11:29 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूज स्टेट से बातचीत करते हुए 84 से लेकर राफेल तक की बातें की हैं. उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा को अपने बयान के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही उन्होंने  उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि सिख दंगों में पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए. जिसने भी गलत किया उसे सजा मिलनी चाहिए.

आप देश की विचारधारा को बदलना चाहते हैं. आप देश को एक नई दिशा देना चाहते हैं, लेकिन क्या यह दिशा सत्ता परिवर्तन के साथ ही हो सकती है, क्योंकि वह काम तो एक राजनेता का काम है. आप तो खुद को जननेता सामने रखते हैं?

राहुल का जवाब- नहीं, मैं देश की विचारधारा को बदलना नहीं चाहता हूं. देश की जो विचारधारा है उसके आधार पर हम सरकार बनाएंगे. देश की विचारधारा प्यार की, भाईचारे की विचारधारा है. सब लोगों को एक साथ ले जाने की विचारधारा है. न्याय की विचारधारा है. उसके आधार पर हम सरकार बनाएंगे. पिछले पांच सालों में मोदीजी ने सरकार चलाई. एक व्यक्ति ने सरकार चलाई. बगैर किसी की बात सुने. नोटबंदी की, गब्बर सिंह टैक्स लागू किया. किसी से नहीं पूछा. आप इमेजन कीजिए 500-1000 रुपए का नोट. हिंदुस्तान की इकोनॉमी को नष्ट कर दिया. 500-1000 रुपए के नोट को खत्म कर दिया. किसी से नहीं पूछा हिंदुस्तान में कई संस्थाएं हैं. वित्त मंत्रालय है. वित्त मंत्री है. स्किल्स हैं. कैपेबिलिटीज हैं. आरबीआई गर्वनर को नहीं माना. बस कर दिया. हम हिंदुस्तान की जो आवाज है. उसे सुनकर सरकार चलाना चाहते हैं. एक व्यक्ति की सरकार नहीं चलेगी.

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मोदीजी तो बार-बार यही कहते हैं कि आपके परिवार ने. कांग्रेस पार्टी ने तमाम संस्थानों को शुरू से ही ध्वस्त कर रखा था. वह तो बचा रहे हैं?

राहुल का जवाब - कांग्रेस पार्टी ने कभी भी आरबीआई को परे नहीं किया. कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में कभी भी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने पहली बार आकर बाहर नहीं कहा कि कोई न कोई शक्ति काम नहीं करने दे रही. किसका नाम लिया? कौन सी शक्ति थी? किसका नाम लिया? जज लोया का नाम लिया? शक्ति तो क्लीयर है. शक्ति नरेंद्र मोदी थी. प्लानिंग कमीशन को नहीं छोड़ा. इलेक्शन कमीशन पर आक्रमण किया. आरबीआई पर आक्रमण किया. कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं किया. कांग्रेस अगर करना भी चाहे तो नहीं कर सकती. क्योंकि कांग्रेस का जो सिस्टम है वह आरएसएस के डिजाइन का नहीं. कांग्रेस का सिस्टम कंट्रोल का नहीं है. कांग्रेस सुनती है और सुनकर काम करती है. आरएसएस बोलती है. आरएसएस प्रचार का इंस्ट्रुमेंट है. आरएसएस सोचती नहीं. आरएसएस बस बोलती है. आरएसएस एम्पलीफायर है. उनकी विचारधारा का एम्प्लीफायर है. हमारी आइडियोलॉजी हिंदुस्तान को सुनकर बनती है. हमारी पार्टी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उसे आप लेफ्ट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने 10-15 साल बाद उदारीकरण किया. उसे आप राइट ऑफ सेंटर कह सकते हैं. उसी पार्टी ने मनरेगा दिया. उसी पार्टी ने जीएसटी की बात की. तो कांग्रेस पार्टी प्रैग्मेटकली सुनकर काम करती है. जो देश कह रहा है उसका इस्तेमाल कर सरकार चलाते हैं. हमारा लाइन ऑफ थॉट यह है कि हिंदुस्तान की आवाज सुनकर सरकार चलाना है. कांग्रेस की सेंट्रल रिजिड आइडियोलॉजी नहीं है. अगर हमें लगता है कि हिंदुस्तान के किसान मदद चाहते हैं, तो हम करने वाले हैं. हम हिंदुस्तान की आवाज को दबाने के खिलाफ हैं. जब आरएसएस जैसा संगठन हिंदुस्तान की संस्थाओं पर आक्रमण करता है. जब नरेंद्र मोदीजी ने आरबीआई गवर्नर से बगैर पूछे 500 और 1000 रुपए का नोट बंद कर दिया तो उन्होंने हिंदुस्तान की आवाज नहीं सुनी. हिंदुस्तान की आवाज ने कहा कि वित्तीय मामलों में हम आरबीआई जैसी संस्था को अपना एडवाइजर बनाएंगे. नरेंद्र मोदीजी ने उनको परे कर दिया. कांग्रेस पार्टी ऐसा कभी नहीं करती. कांग्रेस पार्टी ने इंस्टीट्यूशंस बनाए हैं. कांग्रेस पार्टी ने सबसे जरूरी लड़ाई... सबसे जरूरी इंस्टीट्यूशन पार्लियामेंट दिया, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई जो हम लड़े, जो संविधान दिया... देश की जनता की आवाज ने दिया.

प्रियंका गांधी ने दिल्ली के रोड-शो में कहा था कि अबकी चुनाव जीएसटी और नोटबंदी पर हो जाएं. दो दौर के चुनाव हो जाएं. इस बारे में जब न्यूज नेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर तो उत्तर प्रदेश का चुनाव हो चुका है. बीजेपी तीन-चौथाई बहुमत से जीत कर आई. जीएसटी के मसले पर गुजरात का चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने सूरत में जीएसटी को लेकर विरोध में प्रचार किया. फिर भी सूरत की सभी सीटें बीजेपी ने जीती. अब तो बीजेपी के केंद्र में रहते हुए पांच साल के कामकाज पर चुनाव हो रहा है.

राहुल का जवाब- यह जो जवाब था क्या उनकी नोटशीट पर था. क्या जो कागज उनके हाथ में था, उसमें यह जवाब लिखा हुआ था. सच्चाई यह है कि हिंदुस्तान की आवाज बेरोजगारी की बात कर रही है. भ्रष्टाचार की बात कर रही है. किसानों की हालत पर बात कर रही है और जो आक्रमण नरेंद्र मोदीजी ने नोटबंदी पर किया, गब्बर सिंह टैक्स पर किया उसकी बात कर रही है. 23 तारीख को सब साफ हो जाएगा, पता चल जाएगा कि किन मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया. वह तो क्लीयर है.

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राहुलजी चूंकि आपने न्यूज नेशन के इंटरव्यू की बात की है, तो मैं एक बात साफ करना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री जी ने किसी नोट पैड को, किसी रेफरेंस का इस्तेमाल नहीं किया था. उनके हाथ में जो कागज था, उस पर कविता लिखी हुई थी.

राहुल का जवाब- आप ऐसा करिये कि यदि आप इसे एडिट करना चाहते हैं तो कर लीजिए. अगर आपको अच्छा नहीं लगा. अगर आपको डर लगा तो आप एडिट कर सकते हैं. मैं आपको इसकी अनुमति दे रहा हूं.

प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि सर्वेसर्वा से पूछो. वह आपका नाम नहीं लेते हैं, लेकिन सर्वेसर्वा से पूछो कि क्या उनके परिवार ने देश पर इमरजेंसी नहीं लगाई थी.

राहुल का जवाब- इंदिरा गांधी जी ने इमरजेंसी लगाई थी और इंदिरा गांधी जी ने माना कि इमरजेंसी गलत थी. मैं भी यहां कहता हूं कि इमरजेंसी गलत थी.

पीएम मोदी जी का एक और आरोप है. वह कहते हैं कि सर्वेसर्वा से यह पूछो कि घोषणापत्र क्या होता है? वह कहते हैं कि जो घोषणा होती है वह घोषणापत्र में होता है. उनका कहना है कि आप जनता को मूर्ख बनाते हैं. आप दिव्य सपने दिखाते हैं. आप बस झांसा देते हैं.

राहुल का जवाब- नरेंद्र मोदीजी के जो दिल में है वह कह देते हैं. वह जनता को मूर्ख बनाते हैं, तो कह देते हैं. हमारा जो मेनिफेस्टो बना है उसमें यह जनता है (घोषणापत्र दिखाते हुए). मेरी फोटो यहां है, छोटी सी है. नरेंद्र मोदी जी के घोषणापत्र में नरेंद्र मोदी का चेहरा इतना बड़ा है. कांग्रेस के घोषणापत्र में जो भी है, जो भी इसमें आया है... वह जनता से पूछ कर आया है. चाहे वह किसानों की बात हो, मजदूरों की बात हो. न्याय योजना 3 लाख 60 हजार रुपए पांच साल में. 72 हजार रुपए साल में. नरेंद्र मोदी ने 15 लाख रुपए का झूठ बोला. नरेंद्र मोदीजी से पूछिए 15 लाख का क्या हुआ? नरेंद्र मोदीजी से पूछिए कि 2 करोड़ युवाओं को रोजगार का क्या हुआ? किसानों को सही दाम देने का क्या हुआ? नरेंद्र मोदीजी से अगर फिर इंटरव्यू हो, तो उनसे कह दीजिए कि मेरे साथ आकर एक बार राफेल पर डिबेट कर लें. राफेल पर 15 मिनट डिबेट कर लें मुझसे. मैं बता रहा हूं कि किताब लानी पड़ेगी. आप कह रहे हो कि कागज पर कुछ नहीं लिखा था, किताब लाने के बाद चार सवाल जो मुझे पूछने हैं वह बता देता हूं. नरेंद्र मोदी देश को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे. एक बात मत भूलिए इंक्वायरी होगी. कोई नहीं बचेगा. दो नाम निकलेंगे. नरेंद्र मोदी औऱ अनिल अंबानी, क्योंकि चौकीदार चोर है.

आप एक बात बताइए नरेंद्र मोदी मुझसे डिबेट करने में क्यों घबराते हैं? वह कहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे. मैंने कहा आइए भ्रष्टाचार की बात करते हैं. आप जो कहना है कहो. आप एक घंटा बोलो. मैं 15 मिनट, मैं 16 नहीं लूंगा. मैं राफेल पर चार सवाल पूछूंगा. फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने उनको कहा कि कांट्रेक्ट अनिल अंबानी को जाना चाहिए. नरेंद्र मोदीजी ने कहा कि हिंदुस्तान में हवाई जहाज नहीं बनेंगे. बेरोजगारी आज है. 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है. 27 हजार युवा 24 घंटे में रोजगार खोते हैं. एचएएल 70 साल से हवाई जहाज बना रही है. मिग हवाई जहाज मिराज हवाई जहाज, जगुआर हवाई जहाज. प्रधानमंत्री कहते हैं एचएएल को कांट्रेक्ट नहीं दो. प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति से कहते हैं कि 526 करोड़ का हवाई जहाज 1600 करोड़ में दिया जाएगा. हिंदू अखबार आता है कि डिफेंस मिनिस्ट्री के ऑफिशियल डिफेंस डॉक्यूमेंट में ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में कह रहे हैं. जिसे बीजेपी ने ऑफिशियल डॉक्यूमेंट माना है... कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी ने स्वयं पैरेलल निगोशिएशन किया है. पर्रिकर जी कहते हैं कि मुझसे दूसरे कांट्रेक्ट के बारे में नहीं पूछा गया. एक कांट्रेक्ट था पुरानावाला एचएएलवाला, उसके बारे में मुझसे पूछना हो तो पूछ लो. दूसरा कांट्रेक्ट जो है 1600 करोड़ वाला उसके बारे में मुझसे नहीं पूछो.

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इस पर पार्लियामेंट पर बात हो चुकी है. आपने हर मंच पर इसे उठाया है. निर्मला सीतारमण इसका जवाब दे चुकी हैं. संसद में और बाहर भी अपने अंदाज में. फिर बीच में यह मसला कहां अटका है. जांच तो होनी चाहिए.

राहुल का जवाब- यही तो मैं कह रहा हूं. देश का चौकीदार बताए. हिंदुस्तान का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है. फिर नरेंद्र मोदीजी जांच से क्यों डर रहे हैं. समझिए. अगर नरेंद्र मोदीजी ने चोरी नहीं की होती तो कहते, ताल ठोंककर कहते 5 मिनट में जांच करा रहा हूं. कहते कुछ गलत नहीं हुआ है. मतलब नरेंद्र मोदी तीन साल से न मेरे साथ डिबेट करेंगे. न जांच करेंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी देश के चौकीदार ने चोरी की है.

राहुलजी आपने राफेल पर आरोप लगाए हैं. अगर आप सत्ता में आते हैं या कोई और पार्टी सत्ता में आती है तो राफेल का कांट्रेक्ट रिनिगोशिएट होगा?

राहुल का जवाब- सबसे पहले मैं बता देता हूं कि बदले की भावना से कोई काम नहीं होगा. मगर यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है. भारतीय वायुसेना के भविष्य की बात है, तो जांच होगी. जिसने भी कानून तोड़ा है उसे सजा मिलेगी. न्याय से कोई नहीं बचेगा.

अगर इसमें कुछ गलत हुआ है तो फिर आप खुलेआम क्यों नहीं कहते हैं कि राफेल सौदे को रद्द किया जाएगा या इसे रिनिगोशिएट किया जाएगा. चूंकि आप मानते हैं कि इससे सरकार को नुकसान हुआ है.

राहुल का जवाब- आज मैं विपक्ष का नेता हूं. मुझे डिटेल्स नहीं मालूम. सौदा रद्द करने से पहले मुझे डिफेंस के लोगों से पूछना पड़ेगा. जो लोग इन बातों को समझते हैं उनसे समझना पड़ेगा. मैं यह कह रहा हूं कि कुछ न कुछ गलत हुआ है. प्रधानमंत्री जो खुद को देश का चौकीदार कहते हैं, उन्हें पहले ही दिन जांच करा देनी चाहिए थी, लेकिन वह जांच नहीं करा रहे हैं. संसद में उन्होंने डेढ़ घंटे जवाब दिया. कभी वह यूं देखते रहे तो कभी यूं. आंख में आंख नहीं मिला पाए. वह तो सबने देखा. संसद की कार्यवाही के बाद जब मैं निकला तो जो लोग वहां काम करते हैं, उन्होंने मुझसे कहा कि राहुलजी आपने चोरी पकड़ ली है.

राहुल जी मामला अभी सबज्युडिस है. सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. फिर जांच कैसे हो सकती है?

राहुल का जवाब- आप जो बोल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में मामला है. मैंने माफी मांगी है. मैंने उनकी प्रोसेस को एक दिशा दे दी. मैंने कह दिया कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि देश का चौकीदार चोर है. इसके लिए मैंने माफी मांगी है. हालांकि राफेल में चोरी हुई है, उसके लिए मैंने माफी नहीं मांगी है. रापेल में चोरी हुई है और शत प्रतिशत नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी ने की है.

बीजेपी ने जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को टिकट दिया तो साथ ही एक मुद्दा यह सामने आया कि आपने हिंदुओं के साथ आतंक शब्द जोड़ा है. 

राहुल गांधी का जवाब - आतंकवाद शब्द को किसी भी धर्म के साथ नहीं जोड़ा जा सकता. धर्म और आतंकवाद बिल्कुल अलग चीज हैं. गलत बात है. किसी भी धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ा जा सकता है.

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वायनाड से जब आपने चुनाव लड़ने का फैसला किया तो कहा गया कि आप एक ऐसे क्षेत्र में जा रहे हैं जहां हिंदू कम हैं. आरोप है कि आपने मुसलमान बाहुल्य क्षेत्र रणनीति के तहत चुना?

राहुल का जवाब- मैं अमेठी से भी तो लड़ रहा हूं. देखिए नरेंद्र मोदी जी की राजनीति है, उसमें दक्षिण को तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, ओड़िशा, कर्नाटक. मोदीजी के राज में इन्हें एक इंप्रेशन दिया गया कि तुम्हारी हिंदुस्तान में कोई जगह नहीं है. देश नागपुर से चलेगा. चेन्नई का इससे कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में दक्षिण भारत को संदेश देने के लिए मैंने वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया.

पंजाब में आप रैली कर रहे हैं. सिख दंगों को लेकर पिछले दिनों सैम पित्रोदा का बयान आया कि जो हुआ सो हुआ. इस पर आपका क्या मानना है?

राहुल का जवाब - मेरा मानना है कि न्याय मिलना चाहिए. जिसने भी गलत किया उसे सजा मिलनी चाहिए. मैंने सैम पित्रोदा से साफ-साफ बोला है. मैंने कहा कि सैम पित्रोदाजी आपने गलत बोला है. आपको माफी मांगनी चाहिए. ऐसी बात आपको बिल्कुल नहीं करनी चाहिए थी.

बीजेपी कहती है कि 1984 के जो सिख दंगे हुए वह आर्गनाइज्ड दंगे थे. उसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार थी. उसके लिए क्या आप मानते हैं कि 84 के सिख दंगों के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार मानते हैं?

राहुल का जवाब- 84 जो हुआ वह बिल्कुल गलत हुआ. जो कानून है उसे अमल में लाना चाहिए. जिन्होंने भी हिंसा की. जिन्होंने भी लोगों को मारा. उन्हें सजा मिलनी चाहिए. जो भी कानून लागू होता है, उसे लागू करना चाहिए.

संसद में हम सभी ने वह फोटो देखी है जब आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए और उन्हें गले लगाया. उसके बाद लोकसभा के कैमरे में आपकी आंख मारते हुए फोटो भी कैद हो गई. यही नहीं आपके आंख मारने की घटना को प्रिया वारियर से जोड़ कर रखा गया. वास्तव में वह प्रकरण क्या था? आमतौर पर संसद में ऐसा होता नहीं है. आपके मन में क्या चल रहा था.

राहुल का जवाब- वास्तव में मैं प्रधानमंत्री का भाषण देख रहा था. उनके दिल में इतना गुस्सा था. मेरे बारे में, कांग्रेस पार्टी के बारे में, मेरे परिवार के बारे में और जो गुस्से में वह मेरी ओर देख रहे थे, उसे मैं पकड़ नहीं रहा था. मेरे दिल में प्यार था. तो मैंने सोचा कि उन्होंने मुझे गिफ्ट में इतनी नफरत दी है, जो कि मैंने नहीं ली. फिर मैंने सोचा कि मैं भी उनको एक गिफ्ट दे देता हूं. मैंने उन्हें प्यार की गिफ्ट दी. मैं जाकर उनसे गले मिला. देखिए मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता. नरेंद्र मोदीजी एक विचारधारा हैं एक सोच हैं. मैं उस सोच से लड़ता हूं और उस सोच को हम इस चुनाव में हराने जा रहे हैं. व्यक्तिगत तौर पर मुझे नरेंद्र मोदीजी से कोई भी नफरत नहीं है.

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जब न्याय योजना की बात चली, जिसमें कांग्रेस 72 हजार रुपये देगी. न्यूज नेशन पर जब इसकी बात चली तो पीएम मोदी ने कहा कि मेरे पास ट्रैक रिकॉर्ड है और राहुल गांधी टेप रिकॉर्ड है. इस पर क्या कहेंगे.

राहुल का जवाब- देखिए निर्भर यह करता है कि क्या आपने डिलीवर किया. आपने नोटबंदी दी. आपने गब्बर सिंह टैक्स दिया. आपने हिंदुस्तान की ताकत और उसकी अर्थव्यवस्था को ही खत्म कर दिया. ऐसे में आपने क्या डिलीवर किया. वह भी बता दीजिए. 2 करोड़ युवाओं को रोजगार तो नहीं दिया. 15 लाख रुपये बैंक खाते में नहीं दिए. किसानों को सही दाम नहीं दिए. कर्ज माफी नहीं की. अनिल अंबानी को जरूर 30 हजार करोड़ दिए. बहुत अच्छा किया. पकड़ लिया हमने, चौकीदार चोर है 5 लाख 55 हजार करोड़ रुपए 15 लोगों का कर्जा माफ किया. यह डिलीवर किया. अरुण जेटली से विजय माल्या लंदन जाने से पहले मिला. डिलीवर किया आपने. मेहुल चौकसी को आप भाई कहते हैं. नीरव मोदी को भाई कहते हैं. अनिल अंबानी को भाई कहते हैं. इन भाइयों के लिए आपने डिलीवर किया. कुछ ही दिनों में पता चल जाएगा कि आपने किसको क्या डिलीवर किया.