मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मोदी लहर से कैसे बचाया अपना दुर्ग, पढ़ें पूरी खबर

अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस को राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत दिलाई

अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस को राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत दिलाई

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Sushil Kumar
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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मोदी लहर से कैसे बचाया अपना दुर्ग, पढ़ें पूरी खबर

अमरिंदर सिह (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव में उत्तर भारत में पंजाब अकेला ऐसा राज्य साबित हुआ जहां नतीजे कांग्रेस के लिए सुखद रहे. यहां दो बार मुख्यमंत्री रह चुके अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस को राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत दिलाई. बीजेपी के वंशवाद-विरोधी अभियान को ठेंगा दिखाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री की पत्नी प्रेनीत कौर पटियाला से चौथी बार सांसद चुनीं गईं. प्रेनीत कौर ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी सुरजीत सिंह रखरा को 1,62,718 मतों से हराया.

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हालांकि अमरिंदर सिह ने बताया कि वे राज्य के शहरी क्षेत्रों में पार्टी के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं. उन्होंने बिना बात घुमाए शहरी निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का विभाग बदलने की सिफारिश की जिससे विकास परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में शहरी वोट कांग्रेस की मजबूती है लेकिन विकास कार्य पूरा करने में सिद्धू की असफलता के कारण पार्टी पर प्रभाव पड़ा. उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है.

चुनावों से पहले उन्होंने अपने मंत्रियों और विधायकों से स्पष्ट रूप से पार्टी उम्मीदवारों के लिए काम करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि इसमें विफल रहने पर उनके कैबिनेट पर भी असर पर सकता है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के एजेंडे का मुकाबला करने के लिए अपनी सैन्य पृष्ठभूमि का उपयोग किया और यह सफल रहा क्योंकि उनके साथी फौजी उनके संदेश से जुड़ गए.

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भाजपा-शिअद सरकार के दौरान साल 2015 में बेहबल कलां और कोटकपुरा गोलीबारी के मृतकों की याद में स्मृति स्थल बनाने का उनका वादा भी भाजपा-शिअद के लिए नकारात्मक साबित हुआ. एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि मतपरिणाम स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि मतदाता शिअद-भाजपा सरकार के दौरान 2015 में हुई घटना को भूल चुके हैं जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई थीं. उनके 1984 दंगों के मुद्दों की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के कारण उन्हें वोटों के ध्रुवीकरण का सामना करने मदद मिली.

HIGHLIGHTS

  • अमरिंदर सिंह ने बचाया अपना किला
  • 13 में से 8 सीटों पर जीत दर्ज की कांग्रेस
  • कैप्टन ने सैन्य पृष्ठभूमि का किया उपयोग 

Source : IANS

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