आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) की सक्रिय राजनीति में एंट्री हो ही गई. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का यह मास्टर स्ट्रोक है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने अपना पहला सार्वजनिक भाषण 16 साल की उम्र में दिया था. प्रियंका की तुलना अक्सर उनकी दादी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से होती है. प्रियंका का हेयरस्टाइल (hair Style of Priyanka Gandhi), कपड़ों के चयन और बात करने के सलीके में इंदिरा गांधी की छाप साफ नजर आती है. ये भी एक वजह है कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने को लेकर चर्चा हमेशा रही.
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विकीपीडिया के अनुसार बीते साल सोनिया गांधी से जब प्रियंका के राजनीति में आने की बात पूछी गई थी, तब उन्होंने कहा था कि ये प्रियंका तय करेंगी कि वो राजनीति में कब आना चाहती हैं. प्रियंका गाँधी की भूमिका को राजनीति में विरोधाभास के तौर पर देखा जाता है, हालाँकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए लगातार चुनाव प्रचार के दौरान इन्होंने राजनीति में कम रूचि लेने की बात कही.
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1999 के चुनाव अभियान के दौरान, बीबीसी के लिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा: मेरे दिमाग में यह बात बिलकुल स्पष्ट है कि राजनीति शक्तिशाली नहीं है, बल्कि जनता अधिक महत्वपूर्ण है और मैं उनकी सेवा राजनीति से बाहर रहकर भी कर सकती हूँ. उनके औपचारिक राजनीति में जाने का प्रश्न परेशानीयुक्त लगता है: "मैं यह बात हजारों बार दोहरा चुकी हूँ, कि मैं राजनीति में जाने की इच्छुक नहीं हूँ...".
हालांकि, उन्होंने अपनी माँ और भाई के निर्वाचन क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी में नियमित रूप से दौरा किया और जहां उन्होंने लोगों से सीधा संवाद ही स्थापित नहीं किया वरण इसका आनंद भी लिया. वह निर्वाचन क्षेत्र में एक लोकप्रिय व्यक्तित्व है, अपनी चारो तरफ अपार जनता को आकर्षित करने में सफल भी हैं; अमेठी में प्रत्येक चुनाव के समय एक लोकप्रिय नारा है अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका, (इसका मतलब है कि लोग कहते हैं कि अमेठी प्रियंका का है. इनकी गणना अच्छे, सुलझी और सफल आयोजको में की जाती है और उन्हें अपनी मां की "मुख्य राजनीतिक सलाहकार" माना जाता है.
2004 के भारतीय आम चुनाव में, वह अपनी मां की चुनाव अभियान प्रबंधक थीं और अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की. एक प्रेस वार्ता में इन्ही चुनावों के दौरान उन्होंने कहा कि "राजनीति का मतलब जनता की सेवा करना है और मैं वह पहले से ही कर रही हूँ. मैं इसे पांच और अधिक सालों के लिए जारी रख सकती हूँ. " इस बात से यह अटकलें तेज हो गई कि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए कोई जिम्मेदारी वहन कर सकती हैं. बीबीसी हिन्दी रेडियो सेवा के एक साक्षात्कार में श्रीलंका में युद्ध का उल्लेख किया और टिप्पणी की "तुम्हारे आतंकवादी बनने में केवल तुम जिम्मेदार नहीं हो बल्कि तुम्हारी पद्धति जिम्मेदार है जो तुम्हे एक आतंकवादी बनाती है. "
Source : News Nation Bureau