logo-image

उन्हें अपने कदम पीछे ले लेने चाहिए अगर...प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को दी यह सलाह

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ी सलाह दे डाली है, उन्होंने कहा कि अगर अब भी कांग्रेस को सफलता नहीं मिलती तो...

Updated on: 07 Apr 2024, 08:09 PM

New Delhi:

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ( Political strategist Prashant Kishor ) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Congress MP Rahul Gandhi  ) को बड़ी सलाह दे डाली है. पीके का कहना है कि अगर लोकसभा चुनाव 2024 में देश की सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में अपेक्षित परिणाम नहीं आते तो राहुल गांधी को अपने कदम पीछे लेने के बारे में विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए, राहुल गांधी अपनी पार्टी चला रहे हैं और पिछले 10 वर्षों में अपनी अक्षमता के बावजूद वह न तो अलग हट रहे हैं और न ही किसी और को कांग्रेस का नेतृत्व करने दे रहे हैं. पीके ने कहा कि मेरे हिसाब से गैर लोकतांत्रिक रवैया है.

अपना कदम पीछे लेने में कोई बुराई नहीं

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब आप पिछले 10 सालों से बिना किसी सफलता के एक ही काम कर रहे हैं. तब ऐसे में अपना कदम पीछे लेने में कोई बुराई नहीं है. आपको अगले पांच सालों के लिए किसी और को ये काम करने के लिए लगा देना चाहिए. बिल्कुल तुम्हारी माता की तरह. किशोर ने कहा कि राजीव गांधी के हत्या के बाद सोनिया गांधी ने न केवल राजनीति से दूर बना ली थी, बल्कि 1991 में पीवी नरसिंह राव को आगे बढ़ने का मौका भी दिया था. उन्होंने कहा कि एक अच्छा नेता न केवल अपनी कमी जानता है, बल्कि उसको भरने का तरीका भी जानता है. लेकिन ऐसा लगता है कि राहुल गांधी सबकुछ जानते हैं. ऐसे में कोई आपकी मदद नहीं कर सकता, जब आपको मदद के जरूरत की ही पहचान नहीं है. राहुल को लगता है कि उसे किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो उसकी सोच को लागू कर सके. यह असंभव है. 

सोनिया गांधी का दिया उदाहरण

2019 के लोकसभा चुनाव में मिली असफलता के बाद राहुल गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घटना को याद करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वायनड सांसद ने तब कहा था कि वह अपने कदम पीछे लेंगे और किसी अन्य को आगे आने का अवसर प्रदान करेंगे. लेकिन वास्तव में राहुल गांधी उसका उलटा कर रहे हैं. पीके ने कहा कि बहुत से कांग्रेस नेता अकेले में स्वीकर करेंगे कि वो पार्टी में कोई निर्णय नहीं ले सकते. यहां तक कि इंडिया एलायंस के साथ सीट शेयरिंग के फॉर्मूले के दौरान एक सीट को लेकर भी वो कुछ नहीं बोल सकते, जब तक कि उनको स्वीकृति नहीं मिल जाती.