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कवि हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्‍या आप जानते हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कविता विद्यमान राजनीतिक हालातों पर लिखी है. साथ ही बीजेपी के ध्येय वाक्य सबका साथ सबका विकास की प्रतिध्वनि भी इसमें सुनाई देती है.

Updated on: 11 May 2019, 09:11 PM

नई दिल्ली.:

क्‍या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कवि भी हैं. न्‍यूज नेशन से बातचीत के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कविता भी सुनाई. कविता भी उन्‍होंने इंटरव्‍यू के दिन ही लिखी थी, वो भी हिमाचल प्रदेश में रैली से लौटते हुए. "अभी तो सूरज उगा है" पिछले पांच सालों में क्या कभी कुछ लिखा है के प्रश्न पर उन्होंने पूरी कविता भी सुनाई. आप भी देखें पीएम नरेंद्र मोदी कविता के माध्यम से आशावाद और सुनहरे भविष्य की आमद का संदेश दे रहे हैं.

ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कविता विद्यमान राजनीतिक हालातों पर लिखी है. साथ ही बीजेपी के ध्येय वाक्य सबका साथ सबका विकास की प्रतिध्वनि भी इसमें सुनाई देती है.

आसमान में सिर उठाकर
घने बादलों को चीरकर
रोशनी का संकल्‍प लें
अभी तो सूरज उगा है
दृढ़ निश्‍चय के साथ चल कर
हर मुश्‍किल को पारकर
घोर अंधेरे को मिटाने
अभी तो सूरज उगा है
विश्‍वास की लौ जलाकर
विकास का दीपक लेकर
सपनों को साकार करने
अभी तो सूरज उगा है
न अपना न पराया
न मेरा न तेरा
सबका तेज बनकर
अभी तो सूरज उगा है
आग को समेटते
प्रकाश को बिखेरता
चलता और चलाता
अभी तो सूरज उगा है
विकृति ने प्रकृति को दबोचा
अपनों से ध्‍वस्‍त होती आज है
कल बचाने और बनाने
अभी तो सूरज उगा है