प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के प्रचार-प्रसार अभियान की शुरुआत कर दी है. पीएम मोदी की रैली के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने आज मेरठ में कहा, कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से कालाधन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपए देने व किसानों की आय दो गुणी करने आदि जनहित के मुद्दों का हिसाब- किताब दिए बिना ही वे मैदान छोड़ गए. इसके बाद बसपा प्रमुख ने सवाल के अंदाज में पूंछा कि क्या चौकीदार ईमानदार है.
आगे बसपा प्रमुख ने कहा, व्यक्तिगत, जातिगत व साम्प्रदायिक द्वेष व घृणा की राजनीति करना बीजेपी एण्ड कम्पनी की शोभा है जिसके लिये उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है. देशहित को सर्वोपरि मानकर ऐसी गरीब, लोकतंत्र व जनविरोधी सरकार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए बसपा-सपा-आरएलडी ने गठबंधन किया है.
बता दें गुरुवार को ही मायावती ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को संबोधित करने को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि पिछले अनुभव साबित करते हैं कि बीजेपी के नेता नए-नए तरीकों से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने में माहिर व बदनाम रहे हैं. बुधवार को फिर बिना पूर्व अनुमति के ही पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया जबकि कोई इमरजेंसी नहीं थी. देश सांस रोके परेशान रहा. आयोग कृपया सख्ती करे.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि चुनाव आयोग द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के बुधवार के भाषण की जांच के लिए कमेटी बनाना अच्छी बात है. किन्तु मूल प्रश्न यह है कि आयोग की बिना पूर्व अनुमति के पीएम ने देश के नाम प्रसारण क्यों व कैसे किया जबकि देश में इमरजेंसी जैसे कोई हालात नहीं थे. यह चुनावी लाभ के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है.