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बसपा प्रमुख मायावती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के प्रचार-प्रसार अभियान की शुरुआत कर दी है. पीएम मोदी की रैली के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने आज मेरठ में कहा, कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से कालाधन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपए देने व किसानों की आय दो गुणी करने आदि जनहित के मुद्दों का हिसाब- किताब दिए बिना ही वे मैदान छोड़ गए. इसके बाद बसपा प्रमुख ने सवाल के अंदाज में पूंछा कि क्या चौकीदार ईमानदार है.
पीएम श्री मोदी ने आज मेरठ से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से कालाधन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपये देने व किसानों की आय दोगुणी करने आदि जनहित के मुद्दों का हिसाब-किताब दिये बिना ही वे मैदान छोड़ गए। चौकीदार क्या ईमानदार है
— Mayawati (@Mayawati) March 28, 2019
व्यक्तिगत, जातिगत व साम्प्रदायिक द्वेष व घृणा की राजनीति करना बीजेपी एण्ड कम्पनी की शोभा है जिसके लिये उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है। देशहित को सर्वोपरि मानकर ऐसी गरीब, लोकतंत्र व जनविरोधी सरकार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए बसपा-सपा-आरएलडी ने गठबंधन किया है।
— Mayawati (@Mayawati) March 28, 2019
आगे बसपा प्रमुख ने कहा, व्यक्तिगत, जातिगत व साम्प्रदायिक द्वेष व घृणा की राजनीति करना बीजेपी एण्ड कम्पनी की शोभा है जिसके लिये उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है. देशहित को सर्वोपरि मानकर ऐसी गरीब, लोकतंत्र व जनविरोधी सरकार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए बसपा-सपा-आरएलडी ने गठबंधन किया है.
बता दें गुरुवार को ही मायावती ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को संबोधित करने को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि पिछले अनुभव साबित करते हैं कि बीजेपी के नेता नए-नए तरीकों से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने में माहिर व बदनाम रहे हैं. बुधवार को फिर बिना पूर्व अनुमति के ही पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया जबकि कोई इमरजेंसी नहीं थी. देश सांस रोके परेशान रहा. आयोग कृपया सख्ती करे.
The EC has formed a committee to examine the content of PM's address yesterday but the real issue is why & how the PM addressed the country without its prior permission. It is the gross misuse of power & machinery for the electoral benefits. EC must act in an exemplary manner.
— Mayawati (@Mayawati) March 28, 2019
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि चुनाव आयोग द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के बुधवार के भाषण की जांच के लिए कमेटी बनाना अच्छी बात है. किन्तु मूल प्रश्न यह है कि आयोग की बिना पूर्व अनुमति के पीएम ने देश के नाम प्रसारण क्यों व कैसे किया जबकि देश में इमरजेंसी जैसे कोई हालात नहीं थे. यह चुनावी लाभ के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है.