कांग्रेस के घोषणापत्र में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (AFSPA) को बदलने के वादे को 'देर आयद दुरुस्त आयद' बताते हुए नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के ही कुछ 'पुराने दोस्तों' पर आफस्फा हटाने के खिलाफ 'षड्यंत्र' करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि जब वे राज्य के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इस विवादास्पद कानून को हटाने की मांग की थी, लेकिन कुछ कांग्रेसी नेताओं ने ऐसा होने नहीं दिया था.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'काश, उन्होंने इसे पहले ही अपने घोषणापत्र में शामिल कर लिया होता. मैंने तब भी यह मांग की थी, लेकिन कुछ 'पुराने दोस्तों' ने ही इसे लागू नहीं होने दिया. उस वक्त भी मुझको सिर्फ चिदंबरम साहब का सहयोग मिला था. खैर, देर आयद दुरुस्त आयद.' गौरतलब है मंगलवार को जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में तमाम अन्य चुनावी वादों के साथ आफस्फा हटाने का भी वादा किया गया है.
कांग्रेस ने वादा किया है कि वह सत्ता में आने पर डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट और आफस्फा पर नए सिरे से विचार करेगी. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि आम नागरिकों के मानवाधिकारों और सुरक्षा बलों को इस कानून के चलते मिले असीम अधिकारों के बीच संतुलन लाना प्राथमिकता होगी. गौरतलब है कि आफस्फा जम्मू-कश्मीर समेत नगालैंड, मणिपुर और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में लागू है.
Source : News Nation Bureau