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North East Lok Sabha Elections 2024: सात सीटों के लिए कितने चरण में होगा मतदान, जानें सबकुछ

North East Lok Sabha Elections 2024: राष्ट्रीय दलों को मजबूत स्थिति बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. यहां पर स्थनीय दलों का वर्चस्व रहा है.

Updated on: 17 Mar 2024, 06:54 AM

नई दिल्ली:

North East Lok Sabha Elections 2024: पूर्वोत्तर भारत में ऐसे कई राज्य हैं, जिनके खाते में केवल एक या दो लोकसभा सीटें हैं. ये हैं अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम. यहां पर कुल सात लोकसभा सीटें हैं. नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में 25 लोकसभा सीटों को लेकर पहले और दूसरे चरण में चुनाव होने वाले हैं. वहीं असम की 14 लोकसभा सीटों पर तीन चरण में चुनाव होने वाला है. 2019 में नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों में भाजपा को शानदार जीत मिली थी. बताया जा रहा है कि नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों में पहले और दूसरे चरण में मतदान होगा. वहीं असम की 14 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव होने वाला है. मगर अधिकतर नॉर्थ ईस्ट में दूसरे चरण में मतदान को पूरा कर लिया जाएगा. 

क्षेत्रीय दलों का इस क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से वर्चस्व रहा है. राष्ट्रीय दलों को मजबूत स्थिति बनाने  मे कठिनाई का सामना करना पड़ेगा. बहरहाल, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा आगामी आम चुनावों में जीत के लिए चुनिंदा दावेदार बनाए है. यह क्षेत्र अब एक संभावित स्विंग स्टेट है, जो राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों तरह से अंतिम परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखता है. क्षेत्रीय दल नियंत्रण के लिए लड़ते हैं.

भाजपा ने असम में 7 सीटों जीत हासिल की थी

असम की लोकसभा की 14 सीटों को लेकर तीन चरणों में मतदान होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने असम में 7 सीटों जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस को तीन सीटें ही अपने नाम पर कर पाई थी. बीजेपी-कांग्रेस के एआईयूडीएफ को तीन सीटें और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत पाई थी. राज्य में कुल 14 लोकसभा सीटों को लेकर शुरुआती 3 चरणों में मतदान डाले गए थे. 

पूर्वोत्तर क्षेत्र में कितने लोकसभा क्षेत्र हैं?

पूर्वोत्तर के सात राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में कुल दो लोकसभा सीटें हैं. वहीं मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम के खाते में एक-एक लोकसभा सीटें हैं. इन क्षेत्रों का नेतृत्व आमतौर पर क्षेत्रीय दलों द्वारा किया जाता था, लेकिन 2014 और 2019 के आम चुनावों के बाद, भाजपा ने धीरे-धीरे इन क्षेत्रों में अपने पैर जमाने शुरू कर दिए हैं.