आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरा दम-ख़म लगा रही है. केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार को मात देने के लिए विपक्ष गठजोड़ कर रहा है. वहीं दिल्ली में सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पार्टी ने गठबंधन के लिए कांग्रेस से किनारा कर लिया है. पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा था. केजरीवाल ने साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नई दिल्ली सीट से पराजित किया था. उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में वह मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे थे. पिछले लोकसभा चुनाव में केजरीवाल ने पीएम मोदी को वाराणसी सीट पर चुनौती दी थी. नए साल के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी आगाज़ हो चुका है.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. इस बार चुनाव में किसके सिर सजेगा ताज और किसकी खिसकेगी कुर्सी?- बहुचर्चित सवाल सभी के मन में है. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल के बाद न्यूज नेशन अपना कारवां आगे बढ़ाते हुए दिल्ली पहुंचा. देश के सबसे तेज़ और भरोसेमंद चैनल न्यूज नेशन ने दिल्ली की जनता का मूड जाना. दिल्ली आम आदमी पार्टी सत्ता में काबिज है और अरविंद केजरीवाल प्रदेश के मुख्यमंत्री है. ऐसे में दिल्ली में आप के कामकाज को लेकर सवाल पूछा गया.
ओपिनियन पोल के अनुमान के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी खबर है. अनुमान के मुताबिक, 56 प्रतिशत लोग आम आदमी पार्टी के कामकाज से खुश है वहीं 28 प्रतिशत ने असहमति जताई.
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दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार ने 2015 में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था. राजधानी की हवा में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राज्य की सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक बसों को हरी झंडी दिखाई. केजरीवाल सरकार ने तीन हज़ार बसों को राजधानी की सड़कों पर उतारने का वायदा किया था. जिसमें ऐसी और इलेक्ट्रिक बस शामिल थी.
दिल्ली सरकार हज़ार मोहल्ला क्लिनिक के करीब पहुंच चुकी है. दिल्ली के अलग-अलग जगहों में सौ से ज्यादा मोहल्ला क्लिनिक चल रहे हैं, जहां लोगों का इलाज, जांच और मुफ़्त दवाइयां दी जाती हैं. आम आदमी पार्टी सरकार की इस योजना का लक्ष्य दिल्ली की आम जनता को मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है.
पिछले साल सी वोटर सर्वे में भी दिल्ली की जनता केजरीवाल के काम से खुश थी. सर्वे में राजधानी की सभी 70 विधानसभाओं के एक हज़ार से ज्यादा लोगों से राय ली गयी थी. केजरीवाल के कामकाज को लेकर पूछे गए सवाल में 37 प्रतिशत ने सीएम के कार्यकाल के दौरान हुए काम से खुश दिखें.
इसके साथ ही ओपिनियन पोल के मुताबिक, दिल्ली की जनता केंद्र के कामकाज से खुश नहीं है. 31 प्रतिशत लोगों ने केंद्र के काम पर सहमति जताई वहीं 49 प्रतिशत ने 'न' में इस सवाल का जवाब दिया, जो कि बीजेपी के लिए करारा झटका है.
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2015 को आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत का झंडा लहराया था. केजरीवाल की आप ने 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनावों में बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें मिली जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुला था.
Source : News Nation Bureau