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छत्‍तीसगढ़ः BJP के हारे हुए मंत्रियों के कंधों पर लोकसभा चुनाव जीताने की जिम्‍मेदारी

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव (General Election 2019) की तैयारी शुरू करते हुए बुधवार को 11 लोकसभा (Loksabha) सीटों को 3 कस्टर में बांट दिया.

Updated on: 17 Jan 2019, 03:22 PM

रायपुर:

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव (General Election 2019) की तैयारी शुरू करते हुए बुधवार को 11 लोकसभा (Loksabha) सीटों को 3 कस्टर में बांट दिया. उनके प्रभारियों और 11 सीटों के अलग-अलग प्रभारी और संयोजक बना दिए. तीनों कलस्‍टर हेड हारे हुए मंत्री (Minister) हैं, जिनको लेकर जनता और कार्यकर्ताओ में सबसे ज्यादा नाराजगी थी. अब ऐसे में लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) की जीत की डगर मुश्किल नजर आ रही है.

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भारतीय जनता पार्टी के एकात्म परिसर में बुधवार सुबह से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बैठकों का दौर शुरू हुआ. पहले कोर ग्रुप की बैठक फिर प्रदेश कार्यकारिणी की और उसके बाद विधायकों की बैठक हुई. .इस बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 11 लोकसभा क्षेत्रों को 3 कलस्‍टर में बांटा गया है.

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रायपुर कलस्टर जिसमें 4 लोकसभा सीटें रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और महासमुंद आएंगीं, उसका प्रभारी पूर्व मंत्री राजेश मूणत को बनाया गया है. बस्तर कलस्‍टर, जिसमें बस्तर और कांकेर दो सीटे हैं, का प्रभारी पूर्व मंत्री केदार कश्यप को बनाया गया है. तीसरा कलस्‍टर बिलासपुर, जिसमें 5 लोकसभा सीटें बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा ,रायगढ़ और सरगुजा आती हैं. इसके प्रभारी अमर अग्रवाल रहेंगे.

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बता दें ये तीनों प्रभारी अपना-अपना विधानसभा चुनाव इस बार हार चुके हैं. राजेश मूणत रायपुर पश्चिम, केदार कश्यप नारायणपुर और अमर अग्रवाल बिलासपुर से चुनाव हार चुके हैं. दूसरी महत्वपूर्ण बात राजेश मूणत 3 बार के विधायक रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल 8 बार के विधायक हैं, जिन्हे केवल रायपुर का लोकसभा सीट का संयोजक बनाया गया है. इसका मतलब ये हुआ कि बृजमोहन अग्रवाल राजेश मूणत के अंडर में काम करेंगे . इस पर धरमलाल कौशिक और डॉ रमन सिंह ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है.

धरमलाल का कहना है कि हारे हुए प्रत्याशियों जैसी बात नहीं है, ये उन क्षेत्रों में पहले से ही सक्रिय रहे हैं वहीं डॉ रमन सिंह का कहना है पार्टी में अलग अलग जवाबदेही तय की गयी है, रिपोर्टिंग जैसी बात नहीं होगी. वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने कह दिया कि अब पार्टी जो भी निर्णय ली है , उसे निभाना पड़ेगा.

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कांग्रेस ने इन कलस्‍टर प्रभारियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि इन चेहरों के अलावा बीजेपी का पास कोई बचा भी नहीं है, कोई दूसरी लाइन इन पंद्रह सालों में बनाई ही नहीं गयी. हारे हुए घोड़ों पर फिर दांव लगाया गया है.