मायावती ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- दलित विरोधी मानसिकता से ग्रस्त फैसला, हमारे अधिकारों से वंचित किया
चुनाव आयोग के इस कार्रवाई के बाद मायावती ने सोमवार यानी आज रात लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस प्रतिबंध पर सवाल खड़ा किया.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान विवादित टिप्पणी करने पर निर्वाचन आयोग ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के चुनाव प्रचार करने पर 72 और 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. चुनाव आयोग के इस कार्रवाई के बाद मायावती ने सोमवार यानी आज रात लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस प्रतिबंध पर सवाल खड़ा किया.
मायावती ने कहा, '11 अप्रैल को चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस में आरोप नहीं लगाया था कि हमने उकसाने वाला भाषण दिया था. इसमें केवल एक आरोप था कि हम एक विशेष समुदाय के नाम पर वोट मांग रहे थे. चुनाव आयोग ने एकतरफा फैसला दिया. मुझे बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया गया है. इस दिन को चुनाव आयोग के इतिहास में एक काले दिन के रूप में जाना जाएगा.'
BSP chief Mayawati on EC banning her from election campaigning for 48 hours starting from 6 am tomorrow: EC has given a one-sided decision. I have been denied the fundamental right of freedom of speech and expression. This day will be known as a black day in the history of EC. pic.twitter.com/3N9bHfCig9
— ANI UP (@ANINewsUP) April 15, 2019
इसके साथ ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर मायावती ने कहा कि आयोग ने साफ कहा है कि राजनीतिक लाभ के लिए सेना का इस्तेमाल नहीं करना है, लेकिन मोदी और बीजेपी नेता लगातार ऐसा कर रहे हैं और आयोग इनपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. आचार संहिता के उल्लंघन का सीधा आरोप मोदी पर है, लेकिन चुनाव आयोग उनपर कार्रवाई नहीं करता है, जबकि मुझे बलि का बकरा बनाया गया है.
इसे भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ, मायावती के बाद चुनाव आयोग ने आजम खान और मेनका गांधी पर लगाया प्रतिबंध
मायावती ने आगे कहा, 'मंगलवार को गठबंधन की संयुक्त रैली है, जिसमें चुनाव आयोग की दलित विरोधी मानसिकता की वजह से मैं हिस्सा नहीं ले पाउंगी. लेकिन मैं लोगों से अपील करती हूं कि इस रैली को कामयाब बनाना है. मेरे कल रैली में ना होने से लोग निराश ना हो. चुनाव होने के बाद सरकार बनने के बाद मैं सबसे पहले आगरा और फतेहपुर के लोगों से ही मिलने आऊंगी.'
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि मेरी रैलियों में हो रही भीड़ से बीजेपी डरी हुई है इसलिए मुझे रोकने के लिए चुनाव आयोग का सहारा लिया है.
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