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Maharashtra: लोकसभा चुनाव से पहले MVA में घमासान, कांग्रेस-शिवसेना आमने-सामने

Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास अघाडी में सीट शेयरिंग के लेकर घमासान मचा हुआ है...शिवसेना ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है.

Updated on: 27 Mar 2024, 05:06 PM

New Delhi:

Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. बीजेपी और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही चुनाव प्रचार में जुटे हैं. इस बीच महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर महा विकास आघाडी में खींचतान का माहौल है. दरअसल, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूपीटी) ने लोस चुनाव के लिए आज यानी बुधवार को 17 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. शिवसेना का कहना है कि वह महाराष्ट्र की कुल 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. शिवसेना के इस ऐलान के बाद एमवीए के घटकदलों (शिवसेना और कांग्रेस) में खींचतान शुरू हो गई है. 

कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने शिवसेना के उम्मीदवारों की लिस्ट पर नाराजगी जताई

शिवसेना के इस कदम से पूर्व कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने शिवसेना के उम्मीदवारों की लिस्ट पर नाराजगी जताई है. जानकारों की मानें तो शिवसेना (यूपीटी) द्वारा मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से अमोल कीर्तिकर ने नाम की घोषणा करने पर संजय निरुपम ज्यादा नाराज हैं. कांग्रेस नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं कांग्रेस आलाकमान की फैसले के लिए केवल एक हफ्ते का इंतजार करूंगा, जिसके बाद मेरे सामने सभी विकल्प खुले हुए होंगे. संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना को अतिवादी रुख अपनाने से परहेज करना चाहिए था. इसके कांग्रेस को खासा नुकसान होगा. उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. अगर कुछ भी नहीं तो कांग्रेस को पार्टी बचाने के लिए कम से कम गठबंधन ही तोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन का निर्णय कांग्रेस के लिए सुसाइड बम साबित होगा. 

कांग्रेस नेता के बयान पर शिवसेना का पलटवार

वहीं, कांग्रेस नेता संजय निरुपम के बयान पर शिवसेना ने पलटवार किया है. इस पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि वह (संजय निरुपम) कौन हैं. मुझे नहीं पता. हमारी पार्टी में अनुशासन है. शिवसेना सांसद ने कहा कि उद्धव ठाकरे एक बार जब उम्मीदवारों की घोषणा कर देते हैं तो फिर कोई बाद नहीं रह जाती.  ऐसे में अब यह देखना होगा कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर कोई सहमति बन पाती है या नहीं.