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अरविंद केजरीवाल-शीला दीक्षिण
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लग गया है. गुरुवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस (Congress) के केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न करने का फैसला लिया गया. आम आदमी पार्टी दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहती थी, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के सभी प्रस्तावों पर कांग्रेस ने झाडू फेर दिया.
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कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने गुरुवार को स्पष्ट कहा कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं और कांग्रेस (Congress) दिल्ली की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी लगातार गठबंधन की कोशिश कर रही थी. चाको ने बताया कि गठबंधन को लेकर हमने AAP के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत की, लेकिन वे अन्य राज्यों में भी गठबंधन चाहते हैं, जो संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी गठबंधन करना चाहती थी, क्योंकि वे जानते हैं कि अकेले बीजेपी को नहीं हरा पाएंगे. निगम चुनाव में भी वे दूसरे स्थान रहे थे.
आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच कुछ वक्त पहले गठबंधन को लेकर बातचीत जरूर हुई, लेकिन कोशिश परवान नहीं चढ़ सकी. इसके बाद गुरुवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में दिल्ली में 4 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम फाइनल होने के बाद गठबंधन की संभावना लगभग समाप्त हो गई है. कांग्रेस (Congress) के संभावित उम्मीदवारों में अजय माकन को नई दिल्ली, कपिल सिब्बल को चांदनी चौक, जेपी को उत्तर पूर्वी दिल्ली और राजकुमार चौहान को उत्तर पश्चिमी दिल्ली से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. हालांकि कांग्रेस की तरफ से अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है.
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इससे पहले बुधवार को आप नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा था कि उनकी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन पर अपने आप को अलग करती है. उन्होंने कहा, 'पंजाब में आप के चार सांसद और 20 विधायक हैं. कांग्रेस पंजाब में सीटों का बंटवारा नहीं चाहती है. ऐसी ही स्थित हरियाणा, गोआ और चंडीगढ़ की है. दिल्ली में जहां कांग्रेस का एक भी सांसद और विधायक नहीं है, वहां वह तीन सीटें चाहती है.'
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Source : News Nation Bureau